यूपी के एक जिले से खबर है कि यहां पुलिस के एक मुखबिर को जो गे है, उसे पत्रकार बना दिया गया है. नोएडा से हिंदी में चलने वाले एक घटिया चैनल ने इस मुखबिर को पत्रकार बना दिया है. शारीरिक संबंध बनवाने वाला गे बना हिंदी में खबर देने वाले चैनल का पत्रकार.
अब मुखबिरी करने वाले संभाल रहे हैं जिले की कमान. चैनल की छवि पर जिले में पलीता लगना तय है. ये मुखबिर पत्रकार तो अधिकारियों के साथ भी शारीरिक शोषण कराता है. ये पत्रकार अपनी इच्छा से अपने साथ कराता है शारिरिक शोषण.
इस तरह के गलत इंसान से और पुलिस के मुखबिर को जिले में पत्रकारिता करने से सभी की छवि होगी खराब.
पत्रकार लोग इस पुलिस मुखबिर का बहिष्कार करेंगे. इसे पत्रकार संघ से बाहर करेंगे. इससे तमाम पत्रकारों की छवि हो रही है धूमिल.
लोग इसे बोलते हैं पुलिस का मुखबिर. जिले के पत्रकारों को भी शर्म महसूस होती है कि पुलिस के लिए दलाल को आखिर पत्रकारिता में क्यों लाया गया.
जिला पुलिस के टॉप 5 मुखबिरों में आने वाले इस शख्स के पत्रकारिता में प्रवेश करने से जिले के पत्रकारों में रोष है.
जिले के पत्रकारों का चैनल मालिक (जो खुद पत्रकार है) से निवेदन है कि चाहें जिसे पत्रकार रख लें, पर पुलिस के मुखबिर को पत्रकार नहीं बनाएं. ये मुखबिर चैनल पर खबर चलने से पूर्व पुलिस को अवगत करा देता है.
शारीरिक शोषण का गंदा खेल खेलता है यह मुखबिर.
जिले के सभी आलाधिकारियों से हैं मुखबिर के अच्छे संबंध. ईमानदारी से पुलिस की मुखबिरी करने पर कई बार मिल चुका है प्रशस्ति पत्र.
अब यह चैनल के नाम पर कर रहा है पैसे की उगाही.
चैनल मालिक से निवेदन है कि पत्रकारों को चैनल में शामिल करें, पर पुलिस के दलालों को नहीं. आप वरिष्ठ पत्रकार हैं हम सब की पीड़ा को अवश्य समझेंगे.
भड़ास वालों से हाथ जोड़ कर निवेदन है कि हमारी पहचान गुप्त रखी जाए.
ये पुलिस अधिकारियों का मुखबिर है, जान को खतरा भी हो सकता है.
(मुखबिर का नाम, जिले का नाम और चैनल का नाम छुपा दिया गया है ताकि किसी की मानहानि न हो)
यूपी के एक जिले से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
अब मुखबिरी करने वाले संभाल रहे हैं जिले की कमान. चैनल की छवि पर जिले में पलीता लगना तय है. ये मुखबिर पत्रकार तो अधिकारियों के साथ भी शारीरिक शोषण कराता है. ये पत्रकार अपनी इच्छा से अपने साथ कराता है शारिरिक शोषण.
इस तरह के गलत इंसान से और पुलिस के मुखबिर को जिले में पत्रकारिता करने से सभी की छवि होगी खराब.
पत्रकार लोग इस पुलिस मुखबिर का बहिष्कार करेंगे. इसे पत्रकार संघ से बाहर करेंगे. इससे तमाम पत्रकारों की छवि हो रही है धूमिल.
लोग इसे बोलते हैं पुलिस का मुखबिर. जिले के पत्रकारों को भी शर्म महसूस होती है कि पुलिस के लिए दलाल को आखिर पत्रकारिता में क्यों लाया गया.
जिला पुलिस के टॉप 5 मुखबिरों में आने वाले इस शख्स के पत्रकारिता में प्रवेश करने से जिले के पत्रकारों में रोष है.
जिले के पत्रकारों का चैनल मालिक (जो खुद पत्रकार है) से निवेदन है कि चाहें जिसे पत्रकार रख लें, पर पुलिस के मुखबिर को पत्रकार नहीं बनाएं. ये मुखबिर चैनल पर खबर चलने से पूर्व पुलिस को अवगत करा देता है.
शारीरिक शोषण का गंदा खेल खेलता है यह मुखबिर.
जिले के सभी आलाधिकारियों से हैं मुखबिर के अच्छे संबंध. ईमानदारी से पुलिस की मुखबिरी करने पर कई बार मिल चुका है प्रशस्ति पत्र.
अब यह चैनल के नाम पर कर रहा है पैसे की उगाही.
चैनल मालिक से निवेदन है कि पत्रकारों को चैनल में शामिल करें, पर पुलिस के दलालों को नहीं. आप वरिष्ठ पत्रकार हैं हम सब की पीड़ा को अवश्य समझेंगे.
भड़ास वालों से हाथ जोड़ कर निवेदन है कि हमारी पहचान गुप्त रखी जाए.
ये पुलिस अधिकारियों का मुखबिर है, जान को खतरा भी हो सकता है.
(मुखबिर का नाम, जिले का नाम और चैनल का नाम छुपा दिया गया है ताकि किसी की मानहानि न हो)
यूपी के एक जिले से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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