केंद्र व राज्य सरकार लुटा रही है जमकर पैसा
बिना लाइसेंस के अरबो रुपये के वारे-न्यारे
महेश झालानी
पूरे देश मे बिना लाइसेंस के टीवी चैनलों द्वारा हर साल अरबो रुपये का खेल खेला जा रहा है । इस षड्यंत्र में देश की नामी गिरामी कंपनियां लिप्त है । टीवी चैनलों को प्रसारण के लिए कानूनी रूप से अप लिंकिंग और डाउन लिंकिंग का वैध लाइसेंस रखना अनिवार्य होता है जिसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है ।
जानकारी में आया है कि अनेक टीवी चैनलों के पास स्वयं का कोई वैध लाइसेंस नही है । ये कतिपय फर्मो से किराए के आधार पर लाइसेंस प्राप्त कर गैर कानूनी कार्यो को बढ़ावा दे रहे है । इस तरह पूरे प्रदेश में फर्जी लाइसेंसों के जरिये अरबो रूपये के विज्ञापन हासिल कर राज्य सरकार की आंखों में धूल झोंकी जा रही है । वस्तुतः जिनके पास स्वयं का अप और डाउन लिंकिंग लाइसेंस नही है, उनको विज्ञापन दिया ही नही जा सकता है ।
उदाहरण के तौर पर कानूनी रूप से वही व्यक्ति वाहन चलाने के लिए सक्षम होता है जिसको परिवहन विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किया जाता है । दूसरे के लाइसेंस के आधार पर वाहन चलाना ना केवल गैर कानूनी है बल्कि आपराधिक कृत्य भी है । इसी प्रकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय से विधिवत लाइसेंस प्राप्त किये बिना कोई भी कम्पनी, फर्म, संस्था, संगठन आदि टीवी चैनल का प्रसारण नही कर सकता है । यह सब इसलिये अनिवार्य किया गया है ताकि कोई सुरक्षा दीवार को ध्वस्त नही कर सके । साथ ही देश की एकता व अखंडता पर किसी प्रकार की आंच नही आ पाए ।
मैंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि बिना वैध लाइसेंस के जिन टीवी चैनलों ने फर्जी तरीके से विज्ञापन हासिल किए है, उनके भुगतान पर अविलम्ब प्रातिबन्ध लगाया जाए । इसके अलावा जिन्होंने गलत तथ्य पेश कर विज्ञापन के नाम पर भुगतान उठाया है, उसकी वसूली की जाए अन्यथा यह प्रकरण न्यायालय में दायर किया जाएगा ।
JOURNALIST MAHESH JHALANI
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