29.7.20

धनगर के नाम पर धांगर जाति के अधिकार का हनन बंद करे सरकार

सचिव भारत सरकार तथा मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश को भेजा गया शिकायती पत्र - आईपीऍफ़

इलाहबाद उच्च न्यायाल में याचिका दाखिल करेगी आईपीऍफ़


लखनऊ :“धनगर के नाम पर धांगर जाति के अधिकार का हनन बंद करे सरकार” यह बात आज एस.आर.दारापुरी, पूर्व आई जी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की धांगर जाति के अंग्रेजी में DHANGAR हिज्जे का लाभ उठाकर पच्छिमी उत्तर प्रदेश की पाल गडरिया पिछड़ी जाति की धनगर गोत्र वाली उपजाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है. इसका लाभ उठा कर भाजपा से जुड़े एस पी सिंह बघेल अनुसूचित जाति का गलत जाति प्रमाण पत्र जारी करा कर पहले अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट से विधायक/ मंत्री बने तथा अब आरक्षित सीट से ही सांसद बने हुए हैं.

इससे न केवल धांगर बल्कि उत्तर प्रदेश के पूरे दलित वर्ग के अधिकारों का हनन हो रहा है. यह ज्ञातव्य है कि धांगर जाति केवल सोनभद्र जिले में ही रहती है परन्तु उसके नाम पर पच्छिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा से जुड़े पाल गडरिया जाति के धनगर गोत्र वाले लोग अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र ले कर दलित वर्ग के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. आईपीऍफ़ पिछले 3 साल से इसका विरोध कर रहा है तथा इसके विरुद्ध मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश तथा भारत सरकार को कई शिकायती पत्र भेज चुका है परन्तु यह अवैधानिक कार्रवाही नहीं रुक रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री इसको रोकना नहीं चाहते हैं. हद तो यह है इस सम्बन्ध में शासनादेश सम्बंधित विभाग से जारी न हो कर मुख्य मंत्री कार्यालय से सीधे जारी किये जा रहे हैं.

यह उल्लेखनीय है कि यह मामला 2018 में इलाहबाद हाई कोर्ट पहुंचा था जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि जाति प्रमाण पत्र संविधान की सूची में अंकित अनुसूचित जातियों को ही दिया जाये. इस पर भारत सरकार ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को संविधान की सूचि में अंकित अनुसूचित जातियों को ही अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया था परन्तु उत्तर प्रदेश की सरकार जो कानून के राज में विश्वास नहीं रखती है, अभी भी धांगर जाति के नाम के अंग्रेजी हिज्जों की आड़ लेकर अपात्र लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करवा रही है. इस सम्बन्ध में कल आईपीऍफ़ की तरफ से फिर एक शिकायती पत्र सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार , नई दिल्ली तथा मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश को भेज कर उत्तर प्रदेश सरकार के उपरोक्त अवैधानिक कार्य पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है 

इसके साथ ही आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट उत्तर प्रदेश सरकार के इस अवैधानिक कार्य के विरुद्ध इलाहबाद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल करने जा रहा है. 

एस.आर.दारापुरी,
पूर्व आई जी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता,
 आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट

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