17.9.20

जब तक अपराध प्रमाणित न हो तब तक मीडिया द्वारा किसी को भी अपराधी कहना अपराध है




मीडिया ट्रायल से व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होता है  
मीडिया ट्रायल से न्यायपालिका की कार्यशीलता प्रभावित होती है
सुशांत केस में लव एंगल बना मीडिया के लिये TRP बढ़ाने का जरिया
आज की पत्रकारिता वॉच डॉग से बनी लैपडॉग
टेलीविजन न्यूज़ चैनल नैतिकता और मूल्यों को छोड़कर बाजारीकरण का एक रूप बन रहे
मुख्यधारा की मीडिया लोगों को वास्तविक मुद्दों से कर रही गुमराह
आज की मीडिया बनी सत्ताधारियों के हाँथो की कठपुतली  
मीडिया स्वयं की स्वतंत्रता का कर रहा गलत उपयोग
प्रिंट मीडिया आज भी लोगों के हित के लिये काम कर रही है



दि राइज़िंग न्यूज़,लखनऊ: द स्टडी हॉल कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ हिमांशु सिंह कहते हैं कि आज के समय का  मीडिया अपने उद्देश्य से भटक चुका है और आज वह पत्रकारिता के जरिये सिर्फ अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की होड़ में भाग रहा है और इस लोकप्रियता को पाने के लिये वह मीडिया के सभी नैतिक मूल्यों को भुलाकर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है ।

डॉ हिमांशु सिंह कहते हैं कि आज का मीडिया लोगों को वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका रहा है मीडिया ट्रायल में मीडिया जनता की न्यायपालिका की तरह कार्य करना चाहती है और वह प्रत्येक मुद्दे को अपने द्वारा अनुमानित करके सत्य साबित करने की कोशिश करती है । वह मीडिया ट्रायल के जरिये लोगों को वह मानने के लिये मजबूर कर रहा है । जिसकी सत्तयता का कोई प्रमाण नहीं है वह कहते हैं कि मीडिया को हमारे लोकतंत्र चौथा स्तम्भ माना गया है । जिसका कार्य जनता को जागरूक करना और जनता की आवाज को जन जन तक पहुंचाना होता है परंतु आज मीडिया का रूप इस परिभाषा के बिल्कुल भिन्न हैं क्योंकि आज का मीडिया अपनी वास्तविक जिम्मेदारी भूल कर न्यायपालिका की भांति कार्यरत है जो पत्रकारिता पेशे और पत्रकार के लिये अनुचित है।

उन्होंने यह भी कहा कि टेलीविजन समाचार चैनल अत्यधिक अनैतिक रूप से कार्यरत हैं जिसके चलते समाज की सुंदरता, विविधता को भी नष्ट कर रहे हैं और अपना वर्चस्व स्थापित करने की होड़ में लोगों के मौलिक अधिकारों का भी शोषण कर रहे हैं । अब ऐसे में मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि उसका अस्तित्व तभी है जब वह लोगों के हित में कार्य करे न कि इसमें की वह प्रोपोगेंडा या मीडिया ट्रायल के जरिये लोगों की मानसिक गतिविधियों से खेले । इसके साथ ही डॉ हिमांशु सिंह कहते हैं कि यदि हम आज देखें तो रिया चक्रवर्ती और सुशांत सिंह का केस मीडिया द्वारा इस प्रकार प्रसारित किया जा रहा है मानो वह देश का एक ऐसा अहम मुद्दा है, पर क्या यह सही है आज प्रत्येक मीडिया रिया को दोषी बता रहा जबकि अभी सीबीआई और किसी भी न्यायालय में उसका अपराध सिद्ध नहीं हुआ है इसके साथ ही उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी शोषण हो रहा है जबकि हमारे संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए तब तक दोषी नहीं ठहराया जाएगा जब तक उसका अपराध सिद्ध नहीं होता ।

आगे हिमांशु सिंह कहते हैं कि मैं आज की पत्रकारिता का यह रूप देख कर चौंक जाता हूँ जहां एक पत्रकार अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिये एक दूसरे को कटघरे में उतारने से एक पल के लिये भी नहीं चूकता आप स्वयं देखिये एक तरह एक चैनल रिया चक्रवर्ती को लेकर रीपोर्टिंग करते हैं । अपने ट्वीटर हैंडल के जरिये ‘जस्टिस फ़ॉर सुशांत’ की मुहिम चलाते हैं और कहते हैं कि वह सुशांत सिंह के लिये पूरे देश से लड़ जायेंगे वहीं दूसरी ओर जब एक अन्य चैनल ने लिये रिया चक्रवर्ती का  इंटरव्यू लिया तो इसे वह अनैतिक बताते हैं और कहते हैं कि चैनल अपराधियों को अपने यहाँ जगह दे रहा है ।

जबकि किसी का भी इंटरव्यू लेना मीडिया की स्वतंत्रता है और यदि हम कहें किसी अपराधी का इंटरव्यू लेना है तो एक बार मीडिया को सोचना पड़ेगा पर रिया के इंटव्यू की बात करें तो उसका अपराध अभी साबित नहीं हुआ न यह साबित हुआ है कि उसने सुशांत सिंह की हत्या की है तो ऐसे में उसका इंटरव्यू मीडिया की नैतिकता का उल्लंघन कैसे कर रहा है।

डॉ हिमांशु सिंह कहते हैं कि मैं ये नहीं कहता कि सुशांत सिंह के केस की चर्चा मीडिया को नहीं करनी चाहिये पर जिस प्रकार पूरे दिन मीडिया द्वारा इस खबर का प्रसारण हो रहा है, उसका कोई मूल्य नहीं है । इसके साथ ही मीडिया को अपनी स्वतंत्रता और अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करना चाहिये और देश के मुख्य मुद्दों की ओर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिये क्योंकि आज हम देखें तो कोरोना महामारी के चलते हॉस्पिटल सिस्टम की पूरी तरह से पोल खुल गयी है और साथ ही बाल विवाह, घरेलू हिंसा, बलात्कार, बेरोजगारी, महगाईं  एवं ऐसी अनेकों समस्याओं में तेजी से बढ़ोतरी आयी है । ऐसे में मीडिया को यह समझना चाहिये कि वह वास्तविक मुद्दों को समझे और समाज के हित के लिये कार्य करें, न की मीडिया ट्रायल में जरिये लोगों का ध्यान भ्रमित करे ।


Edited by_Priyanshi Singh

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