अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह तो चुनाव से दूर रखा था तो तेजस्वी ने लालू को पोस्टरों से ही कर दिया गायब
नई दिल्ली/पटना। क्या बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रास्ते पर चल रह रहे हैं। उत्तर प्रदेश में वर्चस्व में आते ही अखिलेश यादव ने पार्टी के खेवनहार रहे अपने पिता को साइड लाइन किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर ही रहते हुए अपने पिता को पार्टी का संरक्षण बनाकर एक तरह से पार्टी से साइड लाइन कर दिया था। हालांकि अखिलेश यादव ने पोस्टरों से अपने पिता का फोटो नहीं हटाया बल्कि उनके कद को भुनाया। मुलायम सिंह यादव के साइड लाइन करने के पीछे भी मुलायम सिंह के समय के दागी नेताओं को दरकिनार कर सपा की छवि को निखारना बताया गया था।
अखिलेश यादव ने न केवल गत विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा बल्कि लोकसभा चुनाव में भी वह खुद और उनकी पत्नी डिम्पल यादव स्टार प्रचारक थे। बिहार विधान सभा चुनाव में तो राजद से एकमात्र तेजस्वी यादव ही स्टार प्रचारक है हैं। अखिलेश यादव की नीतियों के चलते मुलायम सिंह के सबसे बड़े सहयोगी माने जाने वाले शिवपाल यादव सपा से रुख्सत हुए थे तो राजद में लालू के सबसे बड़े सहयोगी पार्टी ही नहीं दुनिया छोड़ चले। अखिलेश यादव ने तो अपने पिता मुलायम सिंह तो संगठन से ही दरकिनार किया था तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद को पोस्टरों से ही गायब कर दिया, जबकि जगजाहिर है की गत बिहार विधान सभा चुनाव में वह लालू प्रसाद का ही दिमाग था कि आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत के आरक्षण को आर्थिक आधार लागू करने की बात को इतना तूल दिया कि भाजपा की सारी की सारी रणनीति रखी रह गई। जगजाहिर है कि भाजपा ने बिहार चुनाव से हटने के लिए मुलायम सिंह पर दबाव बना लिया था।
तेजस्वी के इस कदम को उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी के शासन काल से चस्पा हुआ 'जंगलराज' का धब्बा डराने का कारण बताया जा रहा है। इसे तेजस्वी यादव की चतुरता कहें या फिर विरोधियों को दी गई कमजोरी कि चुनावी समर में लालू प्रसाद का फोटो हटाने का सवाल उनसे पूछा जायेगा। पटना में आरजेडी ऑफिस के बाहर लगी बड़ी सी होर्डिंग से लालू-राबड़ी, दोनों का गायब होना आजकर बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जब बिहार में जदयू और भाजपा दूसरों दलों के नेताओं को तोड़ने में लगे हैं ऐसे में तेजस्वी यादव का खुद अपने माता पिता को दरकिनार कर देना लोगों की समझ से बाहर है। बिहार में आज की तारीख में भी लालू प्रसाद के प्रशंसकों की बड़ी जमात है। आरजेडी ऑफिस के बाहर लगा पोस्टर और होर्डिंग में केवल तेजस्वी यादव ही दिखाई दे रहे हैं। होर्डिंग पर तेजस्वी की तस्वीर के साथ लिखा है 'नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार'। तेजस्वी ने ऐसा की एक पोस्टर अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया था।
पोस्टरों से लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के फोटों के गायब होने की एक बड़ी वजह गत दिनों में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और अन्य नेताओं के लालू के 'जंगलराज' को लेकर आरजेडी पर हमला भी बताया जा रहा है। लालू और राबड़ी देवी के शासन काल की लोगों को याद दिलाकर आरजेडी से सतर्क करने की बात बीजेपी नेता करते रहे हैं। वैसे भी तेजस्वी यादव ने इस हमले की काट निकालते हुए लालू-राबड़ी शासन काल में जो भी गलत हुआ, उसके लिए माफी मांग ली थी। तेजस्वी यादव मतदाताओं के बीच यह भी संदेश देना चाह रहे हैं कि पार्टी की कमान अब पूरी तरह से तेजस्वी यादव के हाथ में हैं।
ज्ञात हो कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव इस वक्त रांची के रिम्स में इलाजरत हैं। उन्होंने अपनी जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। याचिका पर 9 अक्टूबर को सुनवाई होगी। 9 अक्टूबर को ही पता चलेगा कि लालू यादव बिहार चुनाव से पहले जमानत पर बाहर आ सकेंगे या नहीं।
चरण सिंह राजपूत की रिपोर्ट.
No comments:
Post a Comment