22.11.20

योगी राज में भी महाभ्रष्ट आबकारी विभाग बेलगाम

पहले कच्ची अब सरकारी शराब पी रही लोगों की जान प्रयागराज में छह मौतों से मचा हाहाकार

प्रयागराज। प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले जहां कच्ची शराब से लोगों की मौतें हो रही थीं वहीं अब सरकारी ठेके की शराब लोगों की जान ले रही है। लखनऊ, मथुरा और फिरोजाबाद के बाद अब जहरीली शराब से प्रयागराज स्थित फूलपुर के अमिलिया गांव में छह लोगों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शराब ठेकेदार की तलाश में छापेमारी जारी है जबकि सेल्समैन समेत पांच को गिरफ्तार किया गया है। वहीं छह मौतों से गांव में हाहाकार मचा है। लोग आक्रोशित हैं।


फूलपुर क्षेत्र के अमिलिया में संगीता देवी के नाम से देशी शराब का ठेका है। गुरुवार शाम को अरवासी गांव के पान विक्रेता रामजी मौर्य और बसंत लाल ने ठेके से शराब लेकर पी थी। शाम को दोनों की हालत बिगड़ गई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही रामजी मौर्य की मौत हो गई। परिजनों ने रात में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं शुक्रवार सुबह बसंत लाल ने भी दम तोड़ दिया। अमिलिया गांव के शंभूनाथ, राजबहादुर और प्यारेलाल की हालत भी बिगडऩे लगी। राजबहादुर व प्रभुनाथ को उनके परिजन सीएचसी फूलपुर लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बसंतलाल और प्यारेलाल की शुक्रवार शाम घर पर मौत हो गई। वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेश गौड़ की मौत हो गई। इसके अलावा अमिलिया के प्रभुनाथ, कोनार गांव के ताराचंद और खनसार गांव के जगदीश यादव की हालत नाजुक बनी हुई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने शराब के ठेके के बाहर जाम लगाकर हंगामा किया। घटना की जानकारी मिलते ही कमिश्नर, एडीजी, आईजी, डीएम, डीआईजी, जिला आबकारी अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अफसरों ने गांव में घोषणा कराई कि अगर कोई बीमार है तो उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए। वहीं जिलाधिकारी प्रयागराज भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। शराब को लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच के बाद मालूम चलेगा कि शराब जहरीली थी या नकली। दस गांवों में मेडिकल टीम को भेजा गया है।

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर जहरीली शराब कांड में हटा दिये गए तो इन जिलों के कप्तान क्यों नहीं हटे

लखनऊ के बंथरा में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय को हटा दिया गया था। इसके बाद मथुरा और फिरोजाबाद में जहरीली शराब पीने से तीन-तीन लोगों की मौत हुई। बावजूद इसके इन जिलों के कप्तानों को आज तक नहीं हटाया गया। सवाल यह है कि जब पुलिस कमिश्नर लखनऊ को जहरीली शराब कांड में हटाया जा सकता है तो फिर इन जिलों के कप्तानों को क्यों नहीं हटाया गया।

आरोपियों पर लगेगा गैंगस्टर, प्रॉपर्टी होगी नीलाम: सीएम

सीएम योगी ने जहरीली शराब कांड पर सख्त रुख अपनाते हुए जहर के कारोबारियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने और उनकी सम्पत्ति नीलाम कर पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। प्रदेश के डीजीपी, प्रमुख सचिव आबकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से सीएम योगी ने अवैध शराब के काले कारोबार पर हर हाल में अंकुश लगाने को कहा है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि यदि किसी इलाके में अवैध शराब बिकती हुई पाई जाती है तो वहां के थानेदार और आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निलंबन और बर्खास्तगी के साथ ही एफआईआर दर्ज कर जेल भी भेजा जाएगा। सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में अवैध शराब नहीं बिकनी चाहिए। इस काले कारोबार पर हर हाल में अंकुश लगना चाहिए।

प्रियंका ने पूछा, मौतों के लिए कौन जिम्मेदार

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि यूपी में लखनऊ, फिरोजाबाद, हापुड़, मथुरा, प्रयागराज समेत कई जगहों पर जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। आगरा, बागपत, मेरठ में जहरीली शराब से मौतें हुई थीं। आखिर क्या कारण है कि कुछ दिखावटी कदमों की बजाय सरकार जहरीली शराब के माफियाओं पर कार्रवाई करने में नाकाम रही है? कौन जिम्मेदार है?


 

साभार-4पीएम 

 

हापुड़ में जहरीली शराब से 11 मरे, पुलिस ने नहीं कराया पोस्टमार्टम

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की गंगानगरी ब्रजघाट में 48 घंटों में 11 लोगों की जहरीली शराब के सेवन से मौत होने की अफवाह होने से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. अफवाह की पुष्टि करने के लिए एडीएम जयनाथ यादव और एएसपी सर्वेश मिश्रा ने ब्रजघाट पुलिस चौकी पहुंचकर मृतकों के परिजनों से जानकारी हासिल कर गहनता से जांच पड़ताल भी की है.

हालांकि पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सभी मृतकों की मौत बीमारी अथवा हार्ट अटैक से होना बताया गया है, जबकि मृतकों के परिजन और क्षेत्र के लोग शराब से मौत होने की बात कर रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी भी बारीकी से जांच पड़ताल कर रहे हैं.

दरअसल, गंगा नगरी ब्रजघाट में 48 घंटे के दौरान 11 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. 11 लोगों की मौत से गंगा नगरी में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं आज इन मौतों के मामले ने तूल पकड़ लिया और लोगों में जहरीली शराब के सेवन से मौत होने की चर्चा तेज हो गई तो इससे जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए आज गुरुवार को एडीएम जयनाथ यादव और आबकारी आयुक्त राम मणि नाथ त्रिपाठी, एएसपी सर्वेश मिश्रा, जिला आबकारी अधिकारी महेंद्रनाथ, और गढ़ आबकारी निरीक्षक सीमा कुमारी ब्रजघाट स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से जानकारी की है.

मृतकों के परिजनों के अलावा आस-पास के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं. वहीं पुलिस चौकी में जिले के आला अधिकारियों को देखकर गंगा नगरी के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. वहीं आबकारी विभाग की टीम ने जगह-जगह से ठेकों से शराब के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन मामला संदिग्ध होने के बाद भी किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया.

एक मृतक की पत्नी सरिता ने बताया कि मेरे पति ने 2 दिन पहले शराब पी थी जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया गया. जहां उनके मुंह से झाग आने लगे. उसके बाद डॉक्टर ने हमें जवाब दे दिया. उनकी मौत शराब पीने के कारण ही हुई है और क्षेत्र में जो भी मौतें हो रही हैं वह शराब पीने के कारण ही हुई हैं.

हालांकि इसमें प्रशासनिक स्तर पर बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. 11 मृतकों में से किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया जबकि इनमें से दो अज्ञात शवों का पोस्टमार्टम कराया जाना अति आवश्यक था, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा उनका भी बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया गया.

साभार- आजतक


 

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