नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश
पत्रिका मध्यप्रदेश के इंदौर संस्करण के अंतर्गत आने वाले मालवा जोन के पत्रकार इस समय मानसिक और शारीरिक रूप से बुरी तरह से थक चुके हैं। उन्हें पिछले आठ माह से साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल रहा है। अवकाश की मांग करने पर उन्हें उचित जवाब तक नहीं दिया जा रहा। कहा जा रहा है वर्क फ्रॉम होम में अवकाश की क्या जरूरत है।
ऐसे में लगातार कार्य करने के कारण कई पत्रकार बीमार भी हो गए हैं। कुछ का ब्लड प्रेशर आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा है तो किसी को कमर दर्द, सर्वाइकल प्रॉब्लम तक हो गई है। लेकिन पत्रिका के अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। अपनी नौकरी चलाने के लिए वे स्टॉफ के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। बीमारी में भी पत्रकारों से कार्य लिया जा रहा है। अगर कोई छुट्टी मांगता है उससे कहा जाता है कि कम्प्यूटर अपने साथ ले जाओ और जहां जा रहे हो वहां से काम करके दो।
खास बात तो यह है कि ऑनलॉइन अटेंडेस में हर पत्रकार का वीकली ऑफ दर्शाया जा रहा है, लेकिन वे ऑफ तो ले नहीं रहे। ऐसे में कर्मचारी काम तो कर रहे होते हैं और लेकिन कागजों पर वे साप्ताहिक अवकाश पर होते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब जयपुर से ऑफ पर कोई रोक नहीं है तो स्थानीय अधिकारी कौन होते हैं कर्मचारियों का हक मारने वाले।
सूचना तो यह भी है इस जोन के आधा दर्जन से ज्यादा पत्रकार अखबार को अलविदा कहने की तैयारी कर रहे हैं। वे स्थानीय अधिकारी के मनमाने, उटपंटाग और एकतरफा निर्णयों और कार्य करने के तरीके से असहज महसूस कर रहे हैं। ऐसे माहौल में कार्य करने से बेहतर है कि कम वेतन में दूसरे अखबारों में सम्मान के साथ काम करें।
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