26.2.21

दो-दो आर.एन.आई. वाला अनोखा अखबार

पत्रकारिता में हो चली फर्जीवाड़े की इंतेहा....

 



 
सिवनी। चिर परिचित नामों से साम्यता बनाने एकाध मात्रा था अव्यव-प्रत्यय (आगे पीछे लगने वाले उपसर्ग) में हेर-फेर कर फर्जी लाभ कमाने का सिलसिला काफी पुराना है। अब यह फर्जीवाड़ा मीडिया के दायरे में भी अपनी पैठ बनाने लगा हैं। नामों के मिलते-जुलते संस्करण अखबारों के नाम जिसे पत्रकारिता की भाषा में च्मास्ट-हेडज् कहा जाता है, आमतौर पर पेपर का टाईटिल। इसी को लेकर अनेक पत्रकार जो जनसंपर्क यानी पत्रकारिता के शासकीय विभाग के नियमों के तहत अपात्र की श्रेणी में आते है बेखौफ हो स्थापित पत्रों के नाम पर शोषण को अंजाम दे रहे हैं। अनेक शिकायतों के बाद भी जिला जनसंपर्क विभाग जो संचालनालय यानी डायरेक्ट्रेड स्तर का है कि चुप्पी सवालिया निशान खड़ा कर रही है।


सिवनी नगर से प्रकाशित एक ऐसा ही दैनिक समाचार पत्र है। इस पर का नाम च्शिवनी (छोटे ब्लाक) चंडि़काज् है। इस पत्र के संपादक ने अपने अखबार में रजिस्ट्रेशन आफ न्यूज पेपर नं. आर.एन.आई. भी फर्जी डाल रखा है। समाचार पत्र में 2-2 आर.एन.आई. नं. चलाया जा रहा है। जिसमें दोनों ही नंबर अलग-अलग है। पहले पर आर.एन.आई. एम.पी.एन.एच.आई. 14874/199 और नीचे की ओर बारीक अक्षरों में पंजीयन 29 ए.एल. 93 टी.सी. लिखा हुआ है जब आर.एन.आई. की वेबसाईड पर उक्त टाईटिल नं. डाले गये तो समाचार पत्र के संबंध में कोई भी जानकारी नही प्राप्त हो सकी।

बहरहाल दोहरे और नकली आर.एन.आई. नंबर वाला यह अखबार और इसका संपादक बेखौफ 15 अगस्त और 26 जनवरी पर शासकीय विभागों से अवैध वसूली दैनिक शिवनी चंडिका के नाम से कर रहा है। जिला जनसंपर्क अधिकारी जो स्थानीय तौर पर अखबार प्रकाशन और अखबार नवीशों के खैरख्वाह माने जाते है। इस प्रकार की फर्जीवाड़े की लिखित दस्तावेजों सबूतों के बाद भी एक्शन मोड में क्यों नही दिख रहे हैं यह श्री पराते संचालक जनसपंर्क जाने या वे दो आर.एन.आई. वाले संपादक...।
 
 
Akhilesh Dubey
rashtrachandika@rediffmail.com

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