10.4.21

भाजपा का रेजिडेंशियल टाउनशिप का वादा पुलिस आवासों के नाम बदलने तक ही रह गया सीमित

Satya Prakash Bharti
satyabhrt7@gmail.com


-गोरखपुर सहित ज़ोन के 11 जिलों में पुलिस आवासों के नाम बदलकर कर दिए शहीद रौशन सिंह के नाम
 
-बीजेपी के घोषणा पत्र में था पुलिसकर्मियों और उनके परिवार वालों के लिए शहीद रौशन सिंह के नाम पर रेजिडेंशियल टाउनशिप बनाने का दावा

-प्रदेश के बड़े शहरों में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्कूल सहित हाईटेक टाउनशिप बनाने का था वादा

-चार साल बाद भी नहीं मिल सकी पुलिसकर्मियों को रेजिडेंशियल टाउनशिप

 
लखनऊ। प्रदेश में बीजेपी सरकार अपने 32 पन्नो के घोषणा पत्र और उनमें किये गए वादों को लेकर सत्ता में आई। मूलभूत आवश्यकताओं को भूलकर अन्य मार्ग पर चल पड़ी। बीजेपी ने 2017 में चुनाव से पूर्व पुलिसकर्मियों और उनके परिवार वालों के लिए स्कूल सहित रेजिडेंशियल टाउनशिप बनाने के वादे किए थे। लेकिन यह वादा भी नाम बदलने तक ही सीमित रह गया। बीते 22 फरवरी को गोरखपुर सहित ज़ोन के 11 जिलों में मौजूद पुलिस आवासों के नाम बदलकर शहीद रौशन सिंह के नाम पर करने का अहम फैसले तक ही सीमित रह गया। वहीं चार साल बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस को टाऊनशिप न मिल सकी। वहीं जिस शहीद के नाम पर यह टाउनशिप बननी थी उसके गांव की हालत भी खस्ताहाल है।

दरअसल,बीजेपी ने सत्ता में आने से पूर्व पुलिस कर्मियों के लिए रेजीडेंशियल टाउनशिप बनाये जाने का दावा अपने 2017 के घोषणा पत्र में किया था। यह टाउनशिप काकोरी कांड के शहीद रौशन सिंह के नाम बननी थी। जो कि प्रदेश के बड़े शहरों में बनाई जानी थी। इस टाउनशिप में पुलिसकर्मियों के लिए सभी सुख सुविधाओं से लैस आवासों सहित परिसर में ही पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए स्कूल और बेहतर सुख-सुविधाये दी जानी थी। लेकिन सरकार का चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी इस योजना का नाम तक नहीं आया।

गोरखपुर सहित ज़ोन के 11 जिलों के पुलिस आवासों के नाम बदले

बीते 22 फरवरी को गोरखपुर सहित ज़ोन के 11 जिलों की पुलिस लाइन स्थित आवासों का नाम बदलने की घोषणा की गई । आवासों का नाम शहीद क्रांतिकारी रोशन सिंह के नाम पर किया जा रहा है । ठाकुर रोशन सिंह काकोरी कांड के नायकों में से एक हैं।

शहीद के गांव की यह है जमीनी हकीकत

ठाकुर रोशन सिंह का जन्म शाहजहांपुर जिले के कस्बा खुदागंज के पास स्थित गांव नवादा दरोबस्त में 22 जनवरी सन 1892 को ठाकुर जंगी सिंह के यहां हुआ था। आदर्श ग्राम पंचायत के नाम पर दर्ज ग्राम नवादा दरोबस्त में गांव की कई गलियों में नाली नहीं बनी हैं। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो साल पूर्व गांव में कई योजनाओं का शिलान्यास करके गए थे। इनमें डिग्री कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गर्रा नदी पर पुल का निर्माण प्रमुख था। शुरुआत में तो इन योजनाओं ने तेजी पकड़ी मगर बाद में मामला जहां का तहां ठहर गया। गांव में ओवरहेड टैंक बनवाया गया था, उससे सिर्फ दो महीने तक पानी की आपूर्ति हुई। पिछले करीब एक वर्ष से पानी की टंकी से ग्रामीणों को आपूर्ति नहीं हुई है। गांव में बिजली आपूर्ति की हालत भी बेहद खराब है। ग्रामीणों को 24 घंटे में बमुश्किल 8-10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। गांव में स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल है। ग्रामीणों का कहना है कि छुट्टा पशु फसल चर जाते हैं। मांग है कि गांव में एक गोशाला भी होनी चाहिए ताकि जानवरों से फसल को बचाया जा सके।

सत्य प्रकाश
पत्रकार

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