28.8.21

ऐसे भी विधायक हुए जिन्होंने अपने सिद्धान्तों के चलते मंत्री पद ठुकरा दिया था

-सुनील शर्मा

वृंदावन (मुथुरा)। सत्यनिष्ठा और गांधीवादी चरित्र के लिए जाने जाने वाले शिक्षक बाल शिक्षक संघ के जनक गुरु कन्हैया लाल गुप्त जिन्होंने अपने सिद्धान्तों से कभी समझोता नहीं किया और शिक्षामंत्री के पद तक को भी ठुकरा दिया था। जिन्होंने वृंदावन की एक छोटी सी गली में रहकर अपने जीवन के आखिरी दिन बड़े ही कष्ट में काटे थे। जिन्होंने मथुरा के लिये आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्रागांधी के नसबंदी अभियान के खिलाफ गांधीवादी तरीके से विरोध का रास्ता चुनकर आन्दोलन की शुरूआत की थी और आमजन की आवाज बने थे। उस गांधीवादी नेता को आज राजनीतिज्ञ, समाजसेवियों, शिक्षाविदों ने ही भुला दिया।

22.8.21

PEC expresses concern over continued harassment to Burmese journalists

NJ THAKURIA-

Geneva/ Guwahati: Press Emblem  Campaign (PEC), the Switzerland based
global media rights body, expresses serious concern over the continued
harassments to journalists and other media workers of Myanmar (also
known as Burma or Brahmadesh), by the Burmese junta, which dethroned
the democratically elected government in NayPieTaw with a military
coup on 1 February 2021.

दबंग पत्रकारों से पीड़ित पत्रकार आत्महत्या को मजबूर

 
दबंग पत्रकारों से पीड़ित पत्रकार आत्महत्या को मजबूर, असद खान उर्फ गोलू पठान जो कि भारत समाचार का हमीरपुर से रिपोर्टर बताता है और अरुण श्रीवास्तव ए एन आई के रिपोर्टर बताते हैं, 

19.8.21

महिलाओं की सुरक्षा का दम्भ भरने वाले सिस्टम की पोल खोलती हुई ट्वीट

सत्येन्द्र कुमार-

गोरखपुर : आज के हालात में याद आते है बुजुर्गों के वो आशीर्वाद जो उनका पैर छूते ही बरबस उनके मुंह से निकल पड़ते थे कि... जियत रह आ बेटवा ...पढ़ लिख के कलेटटर..बन जा !! लेकिन उन बुजुर्गों को क्या पता था कि भविष्य में इस सड़े हुए सिस्टम और उनके आशीर्वाद का वो हश्र होगा कि यहां कलेक्टर से बड़ा कलाकार टू स्टार दरोगा कहलायेगा । और यह टू स्टार दरोगा आने आने समय मे अपनी बेईमानी, मक्कारी और जलालत की वजह से धरती का भगवान कहलायेगा । उन बुजुर्गों को यह नही पता था कि इस दरोगा की कलम में पीड़ितों को और ज्यादा पीड़ित करने की इतनी बेपनाह ताकत होगी की खुदा.. ए... कायनात खुद ही पनाह मांगने लगेंगे ।

ओटीटी कंटेट की गुणवत्ता बनाए रखना डिजिटल मीडिया आचार संहिता का लक्ष्य : विक्रम सहाय

 आईआईएमसी के विशेष व्याख्यान में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव

नई दिल्ली, 18 अगस्त। ''डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 के केंद्र में आम नागरिक हैं। आचार संहिता का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री की गुणवत्ता को बनाए रखना है।'' यह विचार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा 'डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021' विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए। कार्यक्रम में संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरपाड, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा एवं आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह विशेष तौर पर उपस्थिति थे। 

"तालिबान" बनाम "तालिबे इल्म"..

"तालिबान" बनाम "तालिबे इल्म"..
गुज़िश्ता कुछ रोज़ क़ब्ल अमेरिकी सुपर पॉवर के ग़ुरूर को अपनी क़बाइली जूतियों तले रौंदते हुए जब अफगानिस्तान पर तालिबानी दहशत गर्दो की हुक़ूमत नाफ़िज़ हुई तब से "सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म" पर एक सवाल बाज़ाबता उठ खड़ा हुआ कि"तालिबान"की मुराद उन दहशत गर्दो से है जो मदरसों में "एक ख़ास मज़हबी"तालीम की मार्फ़त तैयार किये जाते हैं जिनका मक़सद और कारगर्दगी काफ़ी हद तक "मंगोल-हुक़ूमत" से मिलती है। दरअसल ये तालिबानी दहशत गर्द वो लोग हैं जिनका शिजरा ईमान आली मक़ाम मौला अली मुश्किल कुशा के मुखाल्फ़ीन से जा कर मिलता है।जिसकी पटकथा कर्बला के तपते हुए रेगिस्तान पर इमाम हुसैन इब्ने अली की शहादत के साथ लिखी गयी और मज़हब का नाम देकर पूरी दुनियां में ख़ौफ़ की तिजारत का कारोबार जो शुरू हुआ तो आज तलक जारी है।ये और बात है कि इस मज़हबी अक़ाएद की कमान उस दौर में यज़ीद और शिम्र के हाथ मे थी और हेड ऑफिस कर्बला के रास्ते  सीरिया में मुश्तमिल था।आज यज़ीद चेहरा बदल कर तालिबान के रूप में आन खड़ा हुआ और हेड आफिस पाकिस्तान के रास्ते वाशिंगटन पहुँच गया।ये उस अक़ाएद के लोग हैं जो "सऊदी-सोच" से पैदा हुए, "अमरीकी-सरपरस्ती" में परवरिश पाई।
#तो_तालिबानियों_सुनो!तुम्हारी सोच के कुछ "जीव-जन्तुओ" ने हमारे मुल्क़ में भी पैर-पसारने की नापाक क़ाविशे शुरू कर दी हैं,हालांकि मुल्क़ की आज़ादी से लेकर 2014 से पहले तक "सऊदी-ज़ाक़त"पर सालों से एक नामनेहाद सेक्युलर पार्टी की मार्फत इस सोच को सींचा जा रहा था..लेकिन अब बस!
तुम और तुम्हारी-सोच की जम कर मुख़ालफ़त होगी और तब तक करते रहेंगे जब तक तुम्हें सफे हस्ती से न मेट दें।क्योंकि तुम बहुत शातिराना तऱीके से अपने आप को "सुन्नी-मुसलमान"कहलवाते हो और तुम्हारे मदरसों में गजवा-ए-हिन्द का नापाक ख़्वाब दिखाया जाता है। इसलिये तुम्हारे मदरसों से जो निकला वो "तालिबानी" कहलाया और तमाम चिश्ती,साबरी,बरेलवी व् दीगर सूफी सिलसिले के मानने वाले बुजुर्गों के क़ायम-करदा इदारों में जो गया वो"तालिबे-इल्म"कहलाया जहां से एपीजे अब्दुल कलाम,अशफ़ाक़ उल्ला खान,अब्दुल हमीद बन कर निकला!!
 हम आले नबी औलादे अली हैं, हमारे यहां "तालिबान" नही तालिबे-इल्म का दर्स दिया जाता है। जिसका मायने इल्म का तलबगार होता है।चाहे वो दीनी इल्म हो या दुनियावी इल्म हो। जिसका मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ एक है और वो है इंसानियत की बक़ा! जब हम बहत्तर थे तब भी हम तुम्हारे सामने कर्बला के तपते हुए सेहरा में सीना सिपर हो कर खड़े रहे,पूरा कुनबा राहे हक़ में इंसानियत की बक़ा के लिये लुटा दिया और आज भी तुम्हारे नापाक मंसूबो के आगे हुसैनियत और मुल्क़ के तहफ़्फ़ुज़ के लिये अपनी खून की आख़री बूंद तक  डटे रहेंगे और तुम्हें बेनक़ाब करते रहेंगे!इन्शा अल्लाह

17.8.21

बकाया पैसा नहीं दे रहे हैं न्यूज1इंडिया वाले!

नमस्कार सर

मैं अभिषेक केसरवानी!

कोरोनाकाल में 14 मार्च 2020 से 16 जुलाई 2020 तक न्यूज़1 इंडिया में कार्यरत था और जुलाई में डेंगू बुखार के कारण घर चला गया इलाज के लिए, उसके बाद डॉक्टर ने मुझे मेरी तबीयत देखते हुए बाहर जाने को मना कर दिया।

पश्चिमी यूपी में भाजपा को निगल सकता है ‘अजगर’

अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति लगातार करवट बदल रही है। अभी तक भारतीय किसान यूनियन नये कषि कानून के विरोध में अलख जलाए हुए थे,जिससे बीजेपी को काफी नुकसान होने की अटकले लगाई जा रही थीं। इसकी काट के लिए बीजेपी ने भी 16 अगस्त से वेस्ट यूपी में आशीर्वाद यात्राएं शुरू कर दी हैं। बीजेपी नहीं चाहती है कि नये कषि कानून के विरोध के चलते जाट वोटर भाजपा से नाराज हो जाएं,इसके लिए भाजपा ने पश्चिमी यूपी में अपने सांसदों/विधायकों और नेताओं की फौज उतार दी। भाजपा की नजर जाट समुदाय को मनाने की है,जाट मानेंगे या नहीं यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे लेकिन जिस तरह से मोदी-योगी सरकार जाट नेताओं के सामने दण्डवत हो रही है उससे पश्चिमी यूपी के गुजर नेता नाराज हो गए हैं। पश्चिमी यूपी में गुजर दूसरा सबसे सशक्त वोट बैंक है। गुजरों के खांटी नेता डा.यशवीर सिंह की राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) में घर वापसी के बीच पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत पर योगी सरकार और  भाजपा की पैनी नजर लगी हुयी है। यूपी में विधानसभा चुनाव में यूं तो अभी करीब आठ महीने का समय बाकी हैं लेकिन भाजपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। अबकी से नये कषि कानून के खिलाफ जाट-गुजरों के एकजुटता ने भी बीजेपी को बेचौन कर रखा है।

रोबो जर्नलिज्म आज के मीडिया की हकीकत : शशि शेखर

मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में आईआईएमसी ने किए नए प्रयोग : प्रो. संजय द्विवेदी

भारतीय जन संचार संस्थान में स्थापना दिवस व्याख्यान का आयोजन


नई दिल्ली, 17 अगस्त। ''रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के मीडिया की हकीकत है। तकनीक ने अब मीडिया को पूरी तरह बदल दिया है। तकनीकी क्षमता आज पत्रकारों की महत्वपूर्ण योग्यता है।'' यह विचार हिन्दुस्तान समाचार पत्र के प्रधान संपादक श्री शशि शेखर ने मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए। इस अवसर पर संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो. राममोहन पाठक, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा एवं आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह विशेष तौर पर उपस्थित थे।

11.8.21

तीसरी लहर : भयभीत न हों लेकिन सतर्क तो हो जाएं..

krishanmohan jha-
 
पिछले कुछ महीनों से देश के वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर देश के अनेक हिस्सों में अपना असर दिखा सकती है। केरल , कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कुछ दक्षिणी राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक आई तेजी उस आशंका को सच साबित करती दिख रही है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए  उन राज्यों की सरकारों ने ऐहतियाती कदम उठाना प्रारंभ कर दिया है।केरल सरकार ने राज्य में शनिवार और रविवार को लाक डाउन लागू करने का फैसला किया है। केरल में संक्रमण में अचानक आई तेजी से चिंतित केंद्र सरकार ने वहां अपना एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ दल भी भेजा था जो स्थिति का जायजा लेने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पीड़ितों की निगरानी में लापरवाही  राज्य में कोरोना संक्रमितों की‌ संख्या  में एकाएक हुई बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है।

उत्तर प्रदेश की जातीय राजनीति का काला अध्याय

अजय कुमार, लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जातीय जनगरणा कराए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। भाजपा को छोड़कर सभी दल जातीय जनगरणा की सियासत में हाथ-पैर मार रहे हैं,पहले तो छोटे-छोटे दल जिनका आधार ही जातीय वोट बैंक है,वह जातीय जनगरणा की मांग कर रहे थे,लेकिन अब समाजवादी पार्टी भी इसके पक्ष में खुलकर बोलने लगी है,सबकी नजर पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर लगी है,जबकि भारतीय जनता पार्टी इस मुददे पर बैकफुट पर नजर आ रही है। वह न तो हॉ कह रही  है न ही उसके द्वारा इससे इंकार किया जा रहा है, वहीं जाति आधारित जनगणना का समर्थन जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के अन्य सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी और महाराष्ट्र के नेता रामदास अठावले भी कर चुके हैं.हालांकि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि जातिगत आधारित जनगणना से हिंदू समाज में मतभेद हो सकते हैं और सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है इसलिए फिलहाल जाति आधारित जनगणना की कोई जरूरत नहीं है।

8.8.21

Stop Attacks on Journalists say NAJ-DUJ

The National Alliance of Journalists (NAJ) and the Delhi Union of Journalists (DUJ) note with shock that as many as 228 journalists were targeted by both state and non-state actors in the year 2020. They faced threats and physical or online attacks, FIRs and cases for their journalism. Some were jailed under draconian laws like the UAPA, NSA and the sedition law. Thirteen journalists were killed. We commend the Rights and Risks Analysis Report 2020 for its detailed documentation of these excesses.

ऊमस का प्रभाव

दिन के शुरुआत में आसमान में यदि बादलों के दर्शन हो जाए तो मन भी बारिश का आहवान करने से पीछे नहीं हटता | बादलो द्वारा बनाए जाने वाली भांति भांति की आकृतियां मनोरंजन को पहले से अधिक मनोरम बना देती हैं |  एक झलक अपने चारों ओर देखने से वातावरण में शांति महसूस होती हैं और यही शांति थोड़े ही वक्त के उपरांत ऊमस  का रूप धारण कर लेती हैं | बार-बार दौड़ कर बादलों को निहारना और मन ही मन यह अनुमान लगाना कि हो ना हो आज बारिश हमारा ही रुख़ करने वाली हैं |

7.8.21

शर्मनाक है वंदना कटारिया के घर पर हमला व जातिसूचक गालियां देना!

सी.एस. राजपूत-
 

टोक्यो ओलंपिक में महिला हाकी टीम की ऐतिहासिक  जीत पर काला धब्बा लगा दिया अराजक हमलावरों ने


कितनी पीड़ा और दबाव में होंगी हाकी स्टार वंदना कटारिया। महिला हाकी टीम को कांस्य पदक दिलाकर ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वंदना कटारिया जहां उम्मीद कर रही थी कि उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देश उन्हें पलकों पर बैठाएगा। ऐसे में न केवल हरिद्वार स्थित उनके घर पर हमला किया गया बल्कि उनके परिजनों जातिसूचक शब्दों से गालियां भी दी गईं। ये सब क्या है ? आखिरकार ये जातिवादी और अराजक लोग चाहते क्या हैं?

पिथौरागढ़ में जन सरोकारों से जुड़े पत्रकार एक तरफ और चाटुकार गोदी मीडिया के लोग एक तरफ हो चुके हैं

हुआ यूं कि पिछले दिनों  एक नेशनल यूनियन जन सरोकारों से जुड़े पत्रकारों ने खड़ी की। उसके बाद गोदी मीडिया की बात करते हुए इलेक्ट्रॉनिक चैनल और प्रिंट मीडिया के भी कुछ सफेदपोश पत्रकार तिलमिला गए और उन्होंने अपनी जिले के भीतर ही एक यूनियन खड़ी कर दी । स्थानीय भाजपा विधायक के खास लोग गोदी मीडिया के पत्रकारों को उनके यूनियन बनने पर बधाई देते हुए एक पार्टी उन्हें दी।

जोगीरा समझ न पाए पीर....

डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'-

सत्ता की सजी हुई बिसात और शतरंज की जमी हुईं मोहरें, दोनों ही रंग राजनीति के वर्चस्व को स्थापित करते हैं। सरयू के पानी की तासीर और राजनीति का केन्द्रीय क़द भारत भारत के वर्तमान और भविष्य को तय करते हैं। आम चुनाव के बाद जब उत्तर प्रदेश के चुनाव आते हैं तो वह भारत का भविष्य बनाते हैं। बीते आधे दशक से उत्तर प्रदेश में भगवा ही सत्ताधीश है किन्तु इसी दौरान आपदा और विपदाओं के साथ-साथ राम जन्मभूमि मुद्दा भी सुलझ गया। अब अयोध्या के राजा के तम्बू भी राजमहल में परिवर्तित होने जा रहे हैं। सरयू तो अयोध्या का चरण अभिषेक करने को आतुर रहती है और इस तरह केन्द्रीय राजनीति भी अपने भविष्य को लेकर उत्तर प्रदेश की तरफ़ अपनी उम्मीद का मुँह रखकर रणनीति और कूटनीति की बिसात जमाती है।