आशीष चौकसे-
MP में UG और PG कोर्सेज़ के लिए सीट आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार छात्रों को MP E Pravesh के पोर्टल पर online रेजिस्ट्रेशन करके नियमानुसार फ़ीस भरके मेरिट लिस्ट जारी होने का इंतज़ार करना होता है। विभाग की ओर से साफ़ साफ़ बताया गया है कि छात्रों को कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है।
उनका वेरिफ़िकेशन online होगा और उनके चुने कोलेज और कोर्स में मेरिट लिस्ट के अनुसार उनका दाख़िला हो जाएगा। लेकिन हक़ीक़त इससे बिल्कुल अलग है। कई छात्रों ने शिकायत में बताया कि उनकी जगह किसी और को सीट दे दी गई है। उनके मुताबिक़ एक ओर जहां विभाग ने छात्रों को नियमों में उलझाया तो दूसरी तरफ़ शिक्षण संस्थानों ने इसका फ़ायदा उठाते हुए पहले आओ पहले पाओ की तर्ज़ पर पैसे लेकर फटाफट सीट दे दी। जिसके चलते 70% वाले छात्र की सीट 49% वाले छात्र को मिल गई और वो होनहार छात्र बिना एडमिशन भटकता दिखा। इस लिहाज़ से उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों से पैसे भी ऐंठे और उनको दाख़िला भी नहीं मिला।
इस पूरे मामले को समझने जब हमनें उच्च शिक्षा विभाग के फ़ोन नंबर 0755-2551698 पर बात की तो एक भी अधिकारी इस फ़र्ज़ीवाड़े को रोकने और ऐसे कोलेजों पर कार्रवाई करने में इंटरेस्टेड नहीं दिखा। जिसके बाद हमने खुद मौक़े पर पहुँच कर स्टिंग किया। आप भी देखिए कैसे प्रिंसिपल साहब नियमों पर हंस रहे हैं और उनका साथी खुलकर बोल रहा है कि जो पहले आएगा उसको एडमिशन दे देंगे। फिर चाहे वो कितना भी मार्क्स लाया हो। इसका सीधा मतलब ये है कि उच्च शिक्षा विभाग का ऐसे फ़र्ज़ीवाडों में पूरा समर्थन है।
आपको बता दें मध्यप्रदेश में इसके पहले व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला हो चुका है। जिसे दबाने कई लोगों को मार दिया गया। कई तबादले हुए तो कई तबादलों को रोका गया। इसलिए ऐसी सरकार में शिक्षा प्रणाली का अगर बाज़ारीकरण तो गया है तो ज़िम्मेदारों के लिए ये मामूली बात है।
आशीष चौकसे
संपादक
NewsSwag.in
newsswag.in@gmail.com
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