बेसिक शिक्षा विभाग के पुस्तक घोटने की जाँच हेतु मंडल स्तरीय जाँच समिति गठित
▪️जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी ने कमिश्नर से की थी जिला स्तरीय जांच में खानापूरी की शिकायत
▪️राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लगाया था शिक्षकों पर दबाव बनाकर झूठी रिपोर्ट माँगने का आरोप
उरई (जालौन) जनपद जालौन में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को निःशुल्क पुस्तक वितरण में की गई घोर अनिमितताओं का मामला जनपद में ही नहीं पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है। बीएसए जालौन पर सरकार विरोधी मानसिकता से कार्य करने व सरकारी योजनाओं का लाभ दलित, शोषित, साधन विपन्न, सुविधा वंचित वर्ग के बच्चों को समय से पाठ्यपुस्तकें प्राप्त न कराकर सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप है। मामले की शिकायत राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी से की थी । उसके बाद शिक्षकों ने आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों पर कार्यवाही का भय दिखाकर शत प्रतिशत पुस्तकें प्राप्त होने की झूठी रिपोर्ट देने का दबाव बना रहे हैं। ये भी आरोप लगाए गए कि ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारी सम्बन्धित विद्यालयों में जाकर या बैठक के बहाने उन्हें बीआरसी या अपने आवास पर बुलाकर पुस्तक वितरण के रिकार्ड में छेड़खानी करा रहे हैं। कुछ दलाल किस्म के शिक्षक नेता जो स्कूल न जाकर इन अधिकारियों की परिक्रमा करते रहते हैं, बीएसए को बचाने के लिए अपने पद की गरिमा को भूलकर बीएसए के बचाव में जी जान से जुटे हुए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी ने जिला स्तरीय जाँच समिति की जाँच प्रक्रिया से असंतुष्ट होकर कमिश्नर झाँसी अजय शंकर पाण्डेय को शिकायत कर मण्डल स्तरीय जांच समिति गठित कर मामले की जाँच कराने की मांग की थी। जिसके क्रम में मण्डलायुक्त झाँसी द्वारा मामले की जाँच हेतु तीन सदस्यीय जाँच समिति गठित की है। जिसमे अपर आयुक्त (न्यायायिक) झाँसी को अध्यक्ष, संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक व अपर आयुक्त वित्त झाँसी को सदस्य बनाया गया है। जाँच जांच कमेटी के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जिलाधिकारी जालौन द्वारा गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट प्राप्त कर उसका भी अध्ययन कर लिया जाए। साथ ही शिकायती पत्र में उठाये गये समस्त बिन्दुओं की जांच कर साक्ष्य सहित जांच आख्या 15 दिवस के अन्दर प्रस्तुत कर दी जाए। यदि जांच में कोई दोषी पाया जाए तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही हेतु स्पष्ट संस्तुति करने के निर्देश दिए गए है। मंडल स्तरीय जांच समिति गठन की सूचना मिलता ही जांच को मैनेज करने में लगे बीएसए, खण्ड शिक्षा अधिकारियों व बीएसए के तथाकथित हितैषी दलाल शिक्षक नेताओं के हाँथ पाँव फूल गए हैं। वहीं ऐसे शिक्षक जो दबाव में शत प्रतिशत पुस्तकें प्राप्त होने का प्रमाणपत्र दे चुके थे उन्होंने इस आशय का लिखित बयान जांच समिति को दे दिया है कि बीएसए, खण्ड शिक्षा अधिकारी व शिक्षक नेताओं ने उन दबाव बनाकर शत प्रतिशत किताबें प्राप्त होने का प्रमाणपत्र ले लिया था जिसे वो वापस ले रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि उनके पास अधिकारियों व शिक्षक नेताओं के कॉल रिकार्डिंग उपलब्ध हैं जिसमें शिक्षकों पर शत प्रतिशत किताबें प्राप्त होने की झूठी सूचना देने का दबाव बनाया जा रहा है। मण्डल स्तरीय जाँच समिति के समक्ष समस्त साक्ष्यों को रखा जाएगा। साथ ही अभिभावक भी इस मुद्दे पर जागरूक हो गए हैं व उन्होंने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों से संपर्क कर इस आशय का प्रमाणपत्र देने की बात कही है कि उनके बच्चों को विषयवार पूरी किताबें नहीं मिली हैं। ऐसे में उन अधिकारियों व चाटुकार शिक्षक नेताओं की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है जो जाँच के मैनेज होने की अफवाह फैला रहे थे।
प्रदीप सिंह चौहान (जिलाध्यक्ष)
मो0नं0- 94516 61480
इलयास मंसूरी (जिला महामंत्री)
मो0नं0- 75700 07188
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