लखनऊ ।
इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 के विरोध में बिजली कामगारों के
देशव्यापी आंदोलन का वर्कर्स फ्रंट ने समर्थन किया है। सोनभद्र में वर्कर्स
फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, युवा मंच संयोजक राजेश सचान और फिरोजाबाद में
वर्कर्स फ्रंट के उपाध्यक्ष इंजीनियर दुर्गा प्रसाद बिजली कामगारों के
आंदोलन व कार्य बहिष्कार में शरीक हुए। प्रेस को जारी बयान में वर्कर्स
फ्रंट प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि विधेयक के पारित होने से न
सिर्फ बिजली दरों में बेहताशा बढ़ोत्तरी तय है बल्कि देश में लाखों
कर्मचारियों की नौकरी को भी खतरे में डाला जा रहा है।
वास्तव में विधेयक का
मकसद पब्लिक सेक्टर के डिस्कॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मुफ्त में ही कारपोरेट
कंपनियों के हवाले करने और मुनाफाखोरी व लूट को सुगम बनाने के अलावा अन्य
कुछ नहीं है। इसीलिए विधेयक के औचित्य को सही ठहराने के लिए सरकार द्वारा
दिया जा रहा तर्क कि टेलीकॉम कंपनियों की तरह च्वॉइस का विकल्प मिलने से
बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं
को सस्ती बिजली मिलेगी पूरी तरह से गुमराह करने वाला है। दरअसल टेलीकॉम
नेटवर्क की तरह बिजली नेटवर्क संभव नहीं है क्योंकि इसमें सभी कंपनियों
द्वारा एक ही उपलब्ध नेटवर्क का ही उपयोग किया जायेगा।
युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने
कहा कि विधेयक के प्रावधान राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध हैं। तत्काल विधेयक
को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार के अड़ियल रवैये से देश
में अभूतपूर्व बिजली संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर
के निजीकरण से रोजगार के बचे खुचे अवसर भी खत्म होंगे। बताया कि
शिक्षा-स्वास्थ्य व रोजगार के सवाल पर युवाओं के प्रदेशव्यापी मुहिम में
पावर सेक्टर के निजीकरण के मुद्दे को भी उठाया जायेगा।
भवदीय
दिनकर कपूर, अध्यक्ष वर्कर्स फ्रंट
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