23.8.22

आबकारी नीति से हुआ था 24 हजार करोड़ का नुकसान, ठंडे बस्ते में रिपोर्ट

Gagan mishra-


लखनऊ: दिल्ली में नई आबकारी नीति में हुए कथित भ्र्ष्टाचार को लेकर हंगामा बरपा हुआ है. सीबीआई ने तेजी दिखाते हुए इस मामलें में एफआईआर दर्ज करने से लेकर छापेमारी तक की है. लेकिन यूपी में आबकारी नीति में जानबूझ कर अनदेखी करने के चलते 24 हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान पर आई कैग की रिपोर्ट के 3 साल बाद भी मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. जबकि रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि सरकार इस नुकसान की जांच करा कर उनकी जिम्मेदारी तय करें जिन्होंने शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया था. 3 साल से रिपोर्ट के ठंडे बस्ते में पड़े होने पर विपक्ष सवाल उठा रहा है.

भारतीयता मनुष्‍य बनाने की है प्रक्रिया : प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

‘भारतीय ज्ञानपरंपरा और विचारक’ पर पुस्तक-वार्ता का आयोजन

वर्धा : भारतीयता मनुष्‍य बनाने की प्रक्रिया है। भारतीयता पश्‍चाताप जैसी अवधारणा को स्‍वीकार नहीं करती है। भारतीय परंपराएं प्रायश्चित की बात करती है। हमें भावी पीढ़ी को जीने लायक धरती देनी है तो वर्तमान पीढ़ी को इस विकास की अंधी दौड़ से अलग होकर आवश्‍यक प्रायश्चित करने पड़ेंगे। उक्‍त विचार कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने व्‍यक्‍त किये। वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में प्रकाशन एकक द्वारा विश्‍वविद्यालय के रजत जयंती वर्ष में ‘पुस्तक-वार्ता श्रृंखला’ के अंतर्गत 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’ से सम्मानित कृति ‘भारतीय ज्ञानपरंपरा और विचारक’ पर आयोजित पुस्तक-वार्ता कार्यक्रम के दौरान अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य देते हुए बोल रहे थे।

22.8.22

नगर निगम के वाटर एटीम बने सफेद हाथी, आखिर क्यों साहब की नज़र यहां नहीं जाती

 



अलीगढ़ । नगर निगम अलीगढ़ के प्रवेश द्वार (दीवानी न्यायालय ) के ठीक सामने लगी  वाटर ATM  मशीन लम्बे समय से खराब है और नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी व मेयर आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं।आज राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व जिला मीडिया प्रभारी व पूर्व महापौर प्रत्याशी अलीगढ़ रहे प्रतीक चौधरी एडवोकेट ने अलीगढ़ के मंडल अध्यक्ष डॉ इरफान खान के साथ वाटर एटीएम मशीन का निरीक्षक करने पहुंचे ।

Can society prohibit unmarried people from renting a house?

 Adv. Sanjay Pandey-

In many places, bachelors are found to be very cordial. Also, renting to bachelors is more beneficial to the flat owner as they are willing to pay more by splitting the expenses among themselves. But housing societies in cities often rule that no landlord can give a house to an unmarried man or woman on the pretexts – 'Bachelors have a bad experience, bring girls or boys, drink alcohol, party late into the night or argue with security guards, may be criminals, etc.' are made. Flat owners generally have a perception that if a family lives in the flat, they will take better care of the flat. Moreover, there will be no complaints from society and neighbors

फ़िरोज़ाबाद में चल रही है 'इंडिया टीवी ट्रैवल्स'

फिरोजाबाद जिले में दर्जनों चार पहिया गाड़ियां हैं जिन पर इंडिया टीवी का स्टीकर लगा हुआ है. लेकिन यह सभी गाड़ियां ट्रैवल एजेंसी पर चलती हैं.

18.8.22

छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की पाती मुख्यमंत्री के नाम

आदरणीय मुख्यमंत्री जी..

सवाल डीए एचआरए का नहीं है, सवाल है जनतांत्रिक मूल्यों का। आप जिस तरह से सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं यह लोकतंत्र में चिंताजनक है आप अकेले नहीं हैं इस व्यवस्था में बल्कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका मिलकर आप पूर्ण होते हैं और किसी भी जनतांत्रिक व्यवस्था में अंतिम अधिकार जनता के पास ही सुरक्षित है।वर्तमान परिदृश्य में अगर बात करें तो आप मनमानी करने की कोशिश कर रहे हैं जो कहीं से भी लोकतांत्रिक नहीं है मैं नहीं जानता कि आपके सलाहकार कौन हैं पर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इतना तो अवश्य पता होना चाहिए कि संविधान की आत्मा "हम भारत के लोग'' आत्मार्पित और अंगीकृत किए हुए हैं वहाँ मनमानी करने की गुँजाइश नहीं है।

15.8.22

हाय उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था

 राहुल अवस्थी:- उन्नाव उत्तर प्रदेश

उन्नाव:- शिक्षा के सार्वभौमिक विकास का सपना देखने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यदि आज जीवित होते तो सरकारी स्कूलों में कक्षा ६ में पढ़ाई जाने वाली इस इतिहास की किताब को देखकर अवश्य रो रहे होते २००१ में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत हुई थी, जिसमें भारत भर में व्यापक पैमाने पर प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्रथमिक विद्यालय खोले गए थे उद्देश्य था भारत में जन्म लेने वाले हर बच्चे को शिक्षित बनाना इसलिए संविधान में 86 वां संशोधन भी किया गया.....लेकिन आज की मौजूदा स्थिति कुछ और ही बयां कर रही हैं. 

10.8.22

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ: एक वर्षीय डिग्री पर बन गए प्रोफेसर

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शारीरिक शिक्षा विभाग एवं योग के विभागाध्यक्ष एवम् शिक्षा संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 सुशील कुमार गौतम की नियुक्ति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा निर्गत विज्ञापन संख्या- 1/2002 के माध्यम से शारीरिक शिक्षा विभाग एवम् योग में प्राध्यापक पद पर की गई।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी की परिनियमावली के अनुसार प्राध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हता द्विवर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम का होना अनिवार्य था।

दबंगों ने निर्धन दलित की बाटी चोखा की दुकान तोड़ी!

 






असहाय महिला समेत बच्चों को जातिसूचक गालियां दी...

शिकायतकर्ता को दी जान से मारने की धमकी..

लखनऊ । दबंगों द्वारा निर्धन हरिजन की दुकान तोड़ने व हाथापाई करने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार फिनिक्स मॉल गेट नंबर 3 ,नागिया प्लॉट सेक्टर बी , एलडीए कॉलोनी में कई वर्षों से एक गरीब हरिजन परिवार द्वारा बाटी चोखा की दुकान का संचालन किया जा रहा था। नगर निगम द्वारा उक्त दुकान के स्वामी कमलेश को दुकान चलाने के संबंध में एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। रविवार के दिन 1:00 बजे भूमाफिया अनूप मिश्रा व उसके दर्जनों गुर्गो द्वारा कमलेश की दुकान पर धावा बोल दिया गया। इसी दौरान जब कमलेश की पत्नी ने दबंग अनूप मिश्रा व उसके बहनोई को दुकान तोड़ने से मना किया तब वह असहाय महिला को भद्दी- भद्दी जातिसूचक गालियां देने लगा, और उसके तीन मासूम बच्चों व उसके पति के साथ हाथापाई करने लगा। और बेसहारा हरिजन की दुकान का सामान, कुछ नकदी व मोबाइल लेकर फरार हो गए।  कमलेश द्वारा उक्त गुंडों की वीडियो भी उसी मोबाइल में कैद हो गई है।

KAPIL SIBAL’S STATEMENT ABOUT INDIAN JUDICIARY IS "CONTEMPTUOUS" : DR ADISH C AGGARWALA



 
New Delhi  : All India Bar Association (AIBA) has termed "contemptuous" the statement of former Union Minister for Law & Justice Kapil Sibal lamenting that he has lost hope in the Indian judiciary.

इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 के विरुद्ध देशव्यापी आंदोलन का वर्कर्स फ्रंट ने किया समर्थन

 लखनऊ ।  

        इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 के विरोध में बिजली कामगारों के देशव्यापी आंदोलन का वर्कर्स फ्रंट ने समर्थन किया है। सोनभद्र में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर,  युवा मंच संयोजक राजेश सचान और फिरोजाबाद में वर्कर्स फ्रंट के उपाध्यक्ष इंजीनियर दुर्गा प्रसाद बिजली कामगारों के आंदोलन व कार्य बहिष्कार में शरीक हुए। प्रेस को जारी बयान में वर्कर्स फ्रंट प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि विधेयक के पारित होने से न सिर्फ बिजली दरों में बेहताशा बढ़ोत्तरी तय है बल्कि देश में लाखों कर्मचारियों की नौकरी को भी खतरे में डाला जा रहा है। 
 
वास्तव में विधेयक का मकसद पब्लिक सेक्टर के डिस्कॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मुफ्त में ही कारपोरेट कंपनियों के हवाले करने और मुनाफाखोरी व लूट को सुगम बनाने के अलावा अन्य कुछ नहीं है। इसीलिए विधेयक के औचित्य को सही ठहराने के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा तर्क कि टेलीकॉम कंपनियों की तरह  च्वॉइस का विकल्प मिलने से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी पूरी तरह से गुमराह करने वाला है। दरअसल टेलीकॉम नेटवर्क की तरह बिजली नेटवर्क संभव नहीं है क्योंकि इसमें सभी कंपनियों द्वारा एक ही उपलब्ध नेटवर्क का ही उपयोग किया जायेगा। 

3.8.22

अंग्रेजी हुकूमत का झंडा फाड़ने और थाना फूंकने की सज़ा भोगनी पड़ी थी धौलाना के क्रांतिकारियों को

 चेतन आनंद-

आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष लेख-

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान फिरंगियों का यूनियन जैक झंडा फाड़ने और सरकारी थाना फूंकने की सज़ा भोगनी पड़ी थी धौलाना कस्बे के क्रांतिकारियों को। गुस्साये फिरंगियों ने 14 क्रांतिकारियों को सरेआम पीपल के पेड़ पर लटकाकर फांसी दे दी थी और पूरा कस्बा ज़ब्त कर उसे आर्थिक संकट की भट्टी में झोंक दिया था। आज भी धौलाना कस्बे में क्षतिग्रस्त हालात में मौजूद सरकारी थाना और शहीद स्मारक क्रांतिकारियों के हौसलों की याद ताज़ा किए हुए हैं। चित्तौड़ में बप्पा रावल का राज्य स्थिर व विस्तृत हो चला था तो अजमेर में चौहान व दिल्ली में तोमर राजपूतों ने पैर पसार लिए थे। ऐसे में चित्तौड़ के रावल खुम्मान तृतीय के दो छोटे पौत्र हस्तराज सिंह और बच्छराज सिंह अपनी सेना समेत सन् 903 ई. में चित्तौड़ छोड़कर दिल्ली आए और फिर ग़ाज़ियाबाद के देहरा गांव के निकट अपना डेरा जमा लिया। बच्छराज सिंह की सातवीं पीढ़ी में तीन भाई हुए राणा सहजपाल सिंह, राणा जसपाल सिंह व राणा भंवरपाल सिंह। राणा जसपाल सिंह के चार पुत्र हुए मदनपाल सिंह, राणा चांद, राणा गंधर्वसेन व राणा सीध सिंह। मदनपाल सिंह ने देहरा गांव से चलकर धौलाना कस्बा आबाद किया, जिसमें 11 गांव ठाकुरों के निकाले गए। बताते हैं कि मेवाड़ से राजपूत यहां इसलिए आकर रहे कि यहां पशुओं के लिए पर्याप्त चारा-पानी था। यहां ‘रेत’ का जंगल भी बताया जाता है। यहां अक्सर धूल भरी आंधियां चला करती थीं। संभव है कि धूल भरी आंधियां चलने से ही इसका नाम धौलाना पड़ा है। एक ज़माने में धौलाना मुगलों की तहसील भी रहा है।