भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
14.11.07
नोमश्कार
नोमश्कार कोरता हूँ बोंधू लोगो
हम फिर शे वापस आ गया हूँ, मुला इश बार तनिक ओंदाज़ ओलग होगा
एक शेर कहता हूँ , खैर छोडिये , नही कहूँगा।
नही कहूँगा तो कोई क्या कर लेगा !!
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