13.11.07

मेरी शराफत...

नमस्कार मित्रोमीरा जी की बात से पूर्ण रूप से सहमत हूँ की भड़ास में अब वैसा नहीं होना चाहिए जिसे यशवंत जी बुरा अनुभव कह सकें। इस बार मैं भी इस चर्चा का हिस्सा बनाना चाहता हूँ परन्तु मीरा जी की सलाह के मुताबिक मेरे अपने पास कोई भी "रिफरेन्स" नहीं है. बस इतना ही कह सकता हूँ की मैं जैसा भी हूँ... मेरी शराफत का एक ही प्रमाण है और वो है मेरा अपना ही ब्लॉग॥

www.punitomar.blogspot.comआप
के लिए जिन्दगी का एक दिन और सही॥

चाहे तो इसे ही देख लें.. और बाक़ी मैं अपने बारे में क्या कहूँ अब..

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