14.11.07

सितारों के आगे भी एक मुकम्मल जहाँ होगा !

आरकुट में फ्रेंड लिस्ट में 103 दोस्त हो गए। आज जो ताजा दोस्त बने हैं वो हैं मीडिया के छात्र विनय जायसवाल। उनकी बायोग्राफी पढ़ रहा था तो उसमें एबाउट मी खांचे में कुछ अच्छी चीज पढ़ने को मिली। सोचा, चलो भड़ासियों के सामने भी परोस दूं। अब क्या करें, पेट में कुछ पचता नहीं जो......
about me:
सितारों के आगे भी एक मुकम्मल जहाँ होगा !
उस जहाँ में सबसे सुंदर हमारा आशिया हिंदुस्तान होगा !
जहा न होगी गरीबी और बुराई !
जहा सबको नसीब रोटी,कपड़ा और मकान होगा !
हर एक होंगे जहा शिक्षित और हर हाथ को रोजगार होगा!
घिरिणित आतंकवाद की जगह यहाँ अमन का पैगाम होगा !
न होगा कोई भाषाई विभेद न कोई धार्मिक उन्माद होगा!
हम होंगे सिर्फ भारतीय और हमारा भारत देवताओ का वरदान होगा!
थम जाएँगी सरे विश्व की नज़रे हम पर
जब हममे वह प्रकाश बेशुमार होगा.............................
लोग कहते हैं हुई थी बारिश उस रोज़,
उन्हें क्या पता ग़म-ए-हिज़्र में रोया था कोई।

यूँ साए देख कर खुश होते हैं सब ग़ाफ़िल,
उन्हें क्या पता कल धूप में सोया था कोई।

कतरा-कतरा कर के मुस्कुराते हैं सभी,
उन्हें क्या पता चश़्म-ए-तर का रोया था कोई।

मंज़िल-ए-आखिर को चलते हैं अब राहिल,
उन्हें क्या पता इन राहों पर खोया था कोई।

रहते है साथ साथ मै और मेरी तनहाई--
करते है राज की बात मै और मेरी तनहाई--

दिन तो गुज्ञर जाता है लोगों की भीड़ में--
करते है बसर रात मै और मेरी तनहाई--

सांसो का क्या भरोसा कब छोड जाये साथ--
लेकिन रहेंगे साथ मै और मेरी तनहाई--

आए ना तुम्हे याद कभी भूल कर भी शायद--
करते है याद तुम्हे मै और मेरी तनहाई--

आ के पास क्यं दूर हो गये--?????
करते हैं तुम्हारा इंतजार मै और मेरी तनहाई .

विनय तक पहुंचने के लिए आप इस लिंक को क्लिक कर सकते हैं, बशर्ते आप का आरकुट में खाता चल रहा हो। लिंक है...
http://www.orkut.com/Profile.aspx?uid=4223539831650805970

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मीरा, अंकित, आलोक, रियाजुल, राहुल, विशाल....जमने लगी है मंडली। लेकिन अभी ढेर सारे भड़ासी गायब हैं। उनको खोज-खोजकर पकड़ना होगा, तभी असल भड़ास की शुरुआत होत सकेगी। अरे हां, वो सचिन कहां है, मेरठ से लुधियाना वाला। उसने अपने नये शहर के मिजाज पर अभी तक कुछ लिखा नहीं। उम्मीद है वो भी जल्द दर्शन देगा। रियाज सहारनपुरी, डा. मांधाता कोलकाता वाले, दिलीप मंडल जी....पता नहीं कहां हैं ये लोग....
फिर मिलते हैं....

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