जैसे जैसे बढ़ता रहा है पाला रे
बाजार गिरता रहा है स्साला ये
ब्यान आया है जब सत्ताधारी का
हो गया है गर्म शेयर बाज़ार का
बढ रही सर्दी और गिर रहा बाजार
उठता संभलता फिर मारता बाजार
चढ़ाता बुखार है बाजार कम्बखत
मौसम से परेशान अब हर शख्स
नेताओं की बक बक देती ताकत
बनती बाद में बाज़ार की गिरावट
नेताओं की बड चबड
ReplyDeleteबढाती बाज़ार
और चुप
गिराती शेयर
कौन सा गेयर ?
सुंदर है अविनाश जी
ReplyDeleteखाल खींचते रहिये...
...इन सालों की..)
यशवंत