मौत पर विजय भले ही आज तक कोइ नही पा पाया हो, मगर उम्र की एक सदी जी चुकी केसरी ढेवी ने ब्रह्मा को चुनौती दे दी है। केसरी ढेवी सपेरे जाति से है। केसरी साप काटने से मरे इन्सानो को जिन्ढा कर लेती है। ऐसे ही एक सैकडा से अधिक नदी मे बहाई गयी लाशो को निकाल कर जिन्ढा कर चुकी है। उसके कुनबे मे कितने ही उसे माँ कह्ते है और कितने ही दादी। मगर ये सभी उसका अपना खून नही है। केसरी के मुताबिक ज्यादातर लोग अपने बच्चो को पह्चानने के बाद ले गये मगर कुछ ख़ुद नही गये। उसके मुताबिक़ साप का जहर ढिमाग मे चङने के बाढ इन्सान की याददास्त चली जाती है. कितने ही करोरपति की सन्ताने है जो घर नही लौटे और दादी के लिये भीख मागते है।
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