भाईयों मऐ अपने अन्दर बहोत कुछ दबाए हूं लेकिन उसी वज़ह से लगता था बी.पी. बढ़ा रहता था ;डा०रूपेश जी का मोबाइल नम्बर भड़ास पर मिल गया तो उन्होने मुझे कोई दवा नहीं दी बल्कि लिखने की सलाह दी और हिन्दी लिखना बताया ,अब आप लोगों और यशवंत भाईसाहब का सहयोग चाहिये आज पहली बार लिख रही हूं गलती हो तो समझ कर पढ़ लीजिये । मैंने डा०रूपेश की सलाह मानी है और सच बताऊं तो डर तो लग रहा है पर कुछ नया और अच्छा लग रहा है ,सब हल्का-हल्का सा है ,आप सबको लाख लाख बार शुक्रिया ।
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