भाईयों मऐ अपने अन्दर बहोत कुछ दबाए हूं लेकिन उसी वज़ह से लगता था बी.पी. बढ़ा रहता था ;डा०रूपेश जी का मोबाइल नम्बर भड़ास पर मिल गया तो उन्होने मुझे कोई दवा नहीं दी बल्कि लिखने की सलाह दी और हिन्दी लिखना बताया ,अब आप लोगों और यशवंत भाईसाहब का सहयोग चाहिये आज पहली बार लिख रही हूं गलती हो तो समझ कर पढ़ लीजिये । मैंने डा०रूपेश की सलाह मानी है और सच बताऊं तो डर तो लग रहा है पर कुछ नया और अच्छा लग रहा है ,सब हल्का-हल्का सा है ,आप सबको लाख लाख बार शुक्रिया ।
अपना ही लिखा हुआ पढ़ रही हूं और मजा ले रही हूं
ReplyDeleteअरे अरे....आप तो खुद लिखकर खुद पर ही कमेंट करके खुश हो रहीं हैं, वाकई, साफ और सच्चे दिल की लगती हैं। चलिए, आपने डाग्डर साहब की सलाह मानकर बीपी का इलाज भड़ास पर लिखकर किया है तो यह सचमुच एक अविश्सनीय घटना है। आपका स्वागत है। और लिखिए, खूब लिखिए, किचेन से लेकर क्रांति तक....ढेरों टापिक हैं, कुछ भी लिखिए...पर लिखते रहिए। यहां सभी भड़ासी हम आप जैसे ही हैं, दिल के साफ सुथरे और मुंह के थोड़े कड़वे....। मुनव्वर सुल्ताना जी, आपका उपस्थिति से हम सभी भड़ासी खुश हैं।
ReplyDeleteयशवंत
मुनव्वर सुल्ताना जी,मुझे उम्मीद नहीं थी कि आप इतनी जल्दी मेरी बात मान जाएंगी और रही बात आपके उच्च रक्तचाप की तो वह मात्र एक "साइको-सोमेटिक" समस्या थी तो उसे तो ठीक होना ही था ,यशवंत दादा की सलाह मानिए और लिखती रहिए ताकि तनाव मुक्त रह सकें....
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