तमाम चेहरे मेरे देखे होंगे तुमने मगर।
ये चेहरा खास है इस बात का ख्याल रखना।
चलते-चलते थक न जाओ जिंदगी कि धूप में।
इसलिए चन्द टुकड़े छाँव के भी संभाल रखना।
हर मोड़ पर ये लोग तुमसे करेंगे सवालात।
उन जवाबों के साथ तुम भी कुछ सवाल रखना।
ये हकीकत है तुम भी इससे वाकिफ हो।
कल तक जिसपे नाज था आज उसी पे मलाल रखना।
तुमको देखता हूँ तो खुश हो जाती है तबियत मेरी।
ये हुनर आम नही, बचा कर अपना ये जमाल रखना।
तमाम चेहरे मेरे देखे होंगे तुमने मगर।
ये चेहरा खास है इस बात का............
अबरार अहमद, दैनिक भास्कर, लुधियाना
भाईजान ,अस्सलाम अलैकुम ;हर मोड़ पर ये लोग तुमसे करेंगे सवालात...
ReplyDeleteये बात अच्छी लग रही है लेकिन बस सवा लात क्यों दो चार दस लात और भी हों तो क्या कम मजा आएगा......
ही ही ही....