अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
3.4.08
पहली बार लिख रहा हूँ
सबसे पहले मैं भडासी गुरु यशवंत जी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझ नए नवेले को भड़ास से जुड़ने का मौका दिया । भड़ास ने मुझे दुनिया को समझने , जानने की नई शक्ति दी है । जय भड़ास
हुमाप जी आप का जोरदार स्वागत है....आप ने जिस ताकत को पहचाना है वही जिन्दगी की असली ताकत है.लगे रहो रोज लिखो और भडास को बुलंद करो. जय यशवंत जय भडास मनीष राज बेगुसराय
प्रभु,पहले आप ये भ्रम दूर कर दीजिये कि आप "हुमाप" हैं या "हमआप" वरना हम तो नहीं मानेंगे कि आपको भड़ास से कुछ भी समझने की शक्ति मिली है :) दोस्त,इस चुटकी का बुरा तो नहीं माने(अगर मान गए तो क्या मेरी दुम उखाड़ लोगे?वो तो है ही नहीं, मैं तो दुमकटा गधा हूं)
हुमाप जी आप का जोरदार स्वागत है....आप ने जिस ताकत को पहचाना है वही जिन्दगी की असली ताकत है.लगे रहो रोज लिखो और भडास को बुलंद करो.
ReplyDeleteजय यशवंत
जय भडास
मनीष राज बेगुसराय
प्रभु,पहले आप ये भ्रम दूर कर दीजिये कि आप "हुमाप" हैं या "हमआप" वरना हम तो नहीं मानेंगे कि आपको भड़ास से कुछ भी समझने की शक्ति मिली है :)
ReplyDeleteदोस्त,इस चुटकी का बुरा तो नहीं माने(अगर मान गए तो क्या मेरी दुम उखाड़ लोगे?वो तो है ही नहीं, मैं तो दुमकटा गधा हूं)
lagatar likhiye. aapka swagat hai.
ReplyDeleteyashwant