16.5.08

आखिर कब तक?

आज भारत एक बहुत बड़े खतरे में है. कल तक जो आतंकवाद केवल जम्मू कश्मीर तक ही फैला हुआ था आज पूरे भारत में फ़ैल गया है क्यों? आखिर क्यों? हजारो लोग मारे जा रहे है और कुछ भी नहीं हो रहा है आखिर क्यों? आज मै भड़ास से जुडे हर बुध्जिवी से पूछना चाहुगा की हर आतंकवादी घटना के बाद बहुत हो हल्ला होता है परन्तु कुछ दिनों बाद न कोई पकडा जाता है और न ही किसी को सजा होती है आखिर क्यों? और हमारे इन नेताओ ने तो सालो ने सभी हदे पार कर दी है. सूअर है साले... वह ब्लास्ट के बाद इतने लोग मारे गए सभी जगह हाहाकार मचा हुआ है और यह साले खाली २ सेकोन्द का शोक सन्देश की रति रटाई बाते बोलकर फिर अपनी औकात पर आ गए और फिर शुरू हो गया एक दुसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला. की मेरी नहीं तेरी गलती है. कसम से दिल टूट जाता है सालो का चेहरा देखते ही... किसी का सब कुछ लुट गया और यह साले A.C में बैठकर एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे है. आज मै रोहित त्रिपाठी भड़ास के सभी आदरणीय सदस्यों से यह पूछता ह की क्या इलाज है इस आतंकवाद का? कैसे रुकेगा यह सब? कैसे. यह मेरी भड़ास की पहली पोस्ट है और मै भड़ास के सभी मेम्बरों से हर चीज़ में छोटा होने के कारन अपने इन सवालो का जवाब चाहता ह, यसवंत जी आपकी लेखनी का बहुत बड़ा फेन ह मै. आपसे भी मेरा सवाल है मै जानना चाहता ह की बेकसूर लोगो को कब तक यह सजा मिलती रहेगी.... आज हमारा देश न जाने कितने संकतो से घिरा है. कही आतंकवाद है तो कही मोवाद, कभी पाकिस्तान तो कभी बंगाल्देश, कही लिट्टे तो नक्सलवादी. कैसे लोतेगी खुशहाली?

Posted by Rohit Tripathi

http://rohittripathi.blogspot.com

3 comments:

  1. भाई धीरज,
    ये हमारी कमजोरी है, हमारी गलती है जिसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं. आतंकवाद खुद नहीं आया हमने इसे बुलाया है, सो इसे भुगतना तो होगा ही, परन्तु इसका उपाय; ये एक मुद्दा है. परन्तु हमने इस पर कभी विचार ही नहीं किया क्यूंकि ये बड़ा स्वार्थपरक मुद्दा होता है जिसमें समाज के चौकीदारों का अपना निहित स्वार्थ है. अगर हम अपने इन भटके भाइयों की बातें सुने और इनके मुख्यधारा में लाने पर कार्य करें तो ही हम इस आतंकवाद से छुट्टी पा सकते हैं. उदाहरण आपके सामने है कि किस प्रकार से हमारे बच्चे इस कीचड़ में जाते हैं क्यूंकि हम इन्हें मजबूर कर देते हैं. बस इनके हौसले को बढा कर अगर आप अपने बगल के कुर्सी पर जगह दो और समाज में बराबर का अधिकार दो, मुझे उम्मीद ही नहीं वरन विश्वास है की ये समाप्त हो जायेगा.

    जय जय भडास

    ReplyDelete
  2. मैं रजनीश भाई की हर बात से पूरी तरह से सहमत हूं। उन्होंने मेरी बात को शब्द दे दिये। लोगों की जिम्मेदारी जिस दिन लोग समझने लगेंगे देश ही नहीं बल्कि विश्व समस्यामुक्त हो जाएगा खुशी होगी अगर ये रास्ता भड़ास से होकर गुजरे....
    जय जय भड़ास

    ReplyDelete
  3. धीरज भाई,
    आतंकवाद आज की गलीज राजनीति की नाजायज औलाद है. औलाद को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करनी होगी- हम सबको मिलकर और राजनीति के मायने भी बदलने होंगे - हमें ही. जैसा रूपेश भाई ने कहा - भड़ास इसका माध्यम बन सकता है. तो क्यों नहीं आज से ही इसकी शुरुआत की जाय?
    वरुण राय

    ReplyDelete