(सिद्धार्थ जोशी ने मुझे मेल करके जानकारी दी है कि उन्होंने एक नया कम्युनिटी ब्लाग कहावतें नाम से शुरू किया है। मैं उनके मेल को भड़ास पर डाल रहा हूं, इस उम्मीद के साथ कि नए ब्लाग बनने और खासकर कम्युनिटी ब्लाग बनने से न सिर्फ हिंदी का भला होगा बल्कि हिंदी वालों का भी भला होगा। आप सभी से अनुरोध है कि सिद्धार्थ का इस नए कम्युनिटी ब्लाग के लिए हौसलाअफजाई करें....यशवंत)
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कहावतें
http://kahawatein.blogspot.com/
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कहवातें...इस थीम पर आप सभी का सहयोग मिले तो ब्लॉग के जरिए एक ओर हम रोजाना नई नई कहावतों से रुबरू हो सकेंगे वहीं दूसरी ओर यह विधा अधिक समृद्ध होगी।
कम से कम इस पर आपके सुझाव तो अमूल्य ही रहेंगे। ब्लॉग की सदस्यता के लिए भी आप आमंत्रित हैं
अपना ई मेल पता और जानकारी मुझे भेजिए, मैं ब्लॉग लेखक के रूप में आपको आमंत्रण भेजता हूं।
बेहतर भविष्य और बेहतर ज्ञान की आशा के साथ...
सिद्धार्थ जोशी
बीकानेर
imjoshig@gmail.com
चलो इसी बहाने लोगों को ये तो पता चलेगा कि हमारा गणित कमजोर नहीं है हम तो मुहावरा इस्तेमाल करते थे कि एक और एक ग्यारह होता है....
ReplyDeleteलो भाई एगो हमहू पेल रहे हैं.
ReplyDeleteचौबे चले छब्बे बनने और लौटे दुबे बन के.
दादा सिद्धार्थ जोशी जी को बधाई
तो हम काहे पीछे रहें भैया. शुद्ध देहाती कहावत पेश है-
ReplyDeleteखो मंगला पड़ल रह
जोशी जी को बधाई.
वरुण राय
वरुण भाई एगो फेर से हमहू.
ReplyDelete1.बाप करे कुटाओंन पिसओंन अओर बेटा के नाम मुरारी लाल.
2.भुस्कौल विद्यार्थी के गत्ता मोट
जय जय भडास
वरुण भाई,आपकी कहावत का अर्थ समझने के चक्कर में सिर खुजाए जा रहे हैं तो भाई गंजा हो जाने से पहले इसका अर्थ बता दीजियेगा..
ReplyDelete:)