ब्लागवाणी जो ब्लागों का एग्रीगेटर है, उसने एक दूसरे कम्युनिटी ब्लाग विस्फोट.ब्लागस्पाट.काम को भी अपने यहां से हटा दिया है। ऐसा मेरे समेत कई भड़ासियों के विस्फोट का सदस्य बन जाने के चलते किया गया है।
हालांकि ब्लागवाणी के इस सामंती और तानाशाही भरे बर्ताव से न तो भड़ास की लोकप्रियता में कमी आई और न विस्फोट की लोकप्रियता कम होगी, बल्कि ये दोनों और ज्यादा फूलेंगे फलेंगे। पर इससे यह जरूर साफ हो गया है कि धंधेबाज लोगों के हाथों एग्रीगेटर का काम होने से हिंदी ब्लागिंग का कितना नुकसान हो रहा है।
इस कृत्य से जाहिर हो गया है कि ब्लागवाणी के संचालक मंडल के पास अपना कोई विवेक नहीं है। वे चंद मठाधीश ब्लागरों के एक गुट के द्वारा निर्देशित और संचालित होते हैं।
हम मैथिली समेत ब्लागवाणी संचालक मंडल की इस कुकृत्य के लिए निंदा करते हैं और सभी ब्लागरों से ब्लागवाणी के बहिष्कार की अपील करते हैं।
जय भड़ास
यशवंत
दादा,एक बार फिर से आप जरा मेरी पुरानी पोस्ट उठा कर विस्फ़ोट पर और भड़ास पर डालिये "ब्लागवाणी का सर्वनाश हो",हम लोगों ने तो इन वणिकजनों की घटिया सोच को पहले ही समझ लिया था,ये न तो भड़ास का कुछ बांका कर पाए और न ही विस्फ़ोट का कुछ उखाड़ पाएंगे...
ReplyDeleteजय जय भड़ास और साथ में दे दनादन जय विस्फ़ोट
दादा,
ReplyDeleteरुपेश भाई ने सही कहा है और हमारे बहूत से साथी जिनमें से मैं भी हूँ रुपेश भाई का वो तलवार पढ़ने से रह गया हूँ, दे डालिए यहाँ. और रही बात ब्लोग्वानी की तो उस चिमगादर के घोंसले से निकल कर कर अगर भडास तरक्की के नए आयाम तय कर रहा है तो विस्फोट भी उस से पीछे नहीं रहने वाला. हमारी तरक्की किसी ऐरे गैरे का मोहताज नहीं है.
जय जय भडास
सही कहा दादा। ब्लागवाणी अब अपनी हदें पार कर रहा है। इसका बहिष्कार तो होना ही चाहिए।
ReplyDeleteक्या जरूरत है ईस अग्र गटर की, भडास, विस्फोट दोनो ही दीखते है बाकी जगह तो ईस चमगादर के गटर की जरूरत क्या है
ReplyDeleteनारद
हींदी ब्लोग्स
चीठा जगत
एक जगह नही दीखता तो दूसरी जगह से देखो
इसका सीधा सादा अर्थ है कि भडास सबको पिछडाते हुये अपनी मंजिल की ओर लगातार अग्रसर है जब कोई आगे बडता है तो पीछे वाले रोना रोते ही है ।
ReplyDeleteजय भडास
ये कहर क्या बरपायेंगे यशवंत भाई. हाँ उंगली जरूर करने की कोशिश कर रहे हैं पर उससे गुदगुदी से ज्यादा कुछ नहीं होने वाला है. इनकी इस नादानी पर अगर सम्मिलित रूप से सारे भड़ासी और विस्फोटक एक बार ठहाका भर लगाएं तो अन्तरताने पर इनका नामोनिशान मिट जायेगा . बाकी डाक्टर साहेब का वो खास पीस पढने का मौका हमें भी मिले.
ReplyDeleteवरुण राय