5.5.08

एक भडासी हूँ (परिचय)

ना किसी के आँख का नूर हूँ, ना किसी के दिल का करार हूँ।
जो किसी के काम ना आ सके वो एक मुश्त गुबार हूँ।

सफलता असफलता के पैमाने मुझपे ना लगाएं क्योँकी दोनों ही मुझे पे फिट नहीं बैठते हैं।

मधुबनी, बिहार जन्मस्थान है. मगर मिथिला के सपूतों में से नहीं हूँ. दिल्ली में एक सोफ्टवेयर कंपनी में अभियंता हूँ. बनना कुछ और चाहता बन कुछ और गया, जीवन की तलाश जारी है क्योँकी भडास ख़तम नहीं हुई है। पता नहीं ये भडास किस पर है, कभी कभी लगता है की खुद पे ही सबसे ज्यादा है।

बेकार निकम्मे के कंधे पे बोझ देने के लिए शुक्रिया। गधे को भी लायक समझा, कोई वादा नहीं कोई शपथ नहीं बस अपने दिल अपने दिमाग और अपनी इमानदारी से समझोता नहीं। दद्दा और रुपेश भाई का शुक्रिया और तमाम भडासी बिरादर का आभार।

जय जय भडास

5 comments:

  1. अरे मेरे प्यारे ओशो के नामधारी भाई रजनीश,देखो ज्यादा मेंटीसेंटल होने की जरूरत नहीं है और हां मैं एक एनिमल लवर हूं इस लिये खुद को गधा कह कर बेचारे जानवर पर अत्याचार मत करो, इंसान बने रहो और महाभयंकर भड़ासी, जिससे कि दोहरे चरित्र वालों की फटी रहे। आप साफ़्टवेयर और हार्डवेयर के साथ में अंडरवेयर के बारे में भी एक चीज बखूबी जानते हैं दुष्टों का अंडरवेयर फाड़ना,उन्हें नंगा करना; बस लगे रहिये इसी धंधे पर..... नवभारत टाइम्स वाले की ली या नहीं अबतक(ये बात अपुन दोनो भिड़ू लोग दो दिवस बाद इच भड़ास पर डालेंगे) :)
    जय जय भड़ास

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  2. डाक्टर साब,
    बड़े कमाल के चीज़ हो आप, हमारे अंदर तक पहुंच गए. तभी मैने अक्षत भाई को सावधान रहने को कहा है खी....... खी.......खी........
    वैसे भाई दुर्गेश जी को मैने मेल कर दिया है जवाब नहीं आया है. ना आया जवाब तो भडास पे उनकी चध्ही तो गयी.

    जय जय भडास.

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  3. रजनीश भाई नई जिम्मेदारी के लिए आपको ढेर सारी बधाई। इसी तरह सक्रिय भूमिका निभाते हुए भडास को आगे बढाते रहिए।

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  4. बधाई रजनीश भाई. कल नहीं दे सका आज स्वीकारिये .
    वरुण राय

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  5. ठीक रहा भइये रजनीश जो अपने आप ही अपने को गधा स्वीकार कर लिया वर्ना यहा जितने भी है वे सभी पहले आप को यही बनाते तभी तो आप और हम सब एक जैसे दिखते। अब देखो हम सब बिल्कुल एक जैसे दिखते है। वैसे भी घोड़ो की तरह नहीं है जिनका रंग रुप आकार सब अलग अलग होता है हम गधे ही प्रकृति में ऐसे हैं जिनका रुप, रंग, आकार सब एक जैसा होता है। बाकी सब प्राणी आपस में ही भिन्न भिन्न होते है।

    आपका

    आपकी तरह एक प्राणी

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