हरिशंकर त्रिपाठी ने करुनाकर को की एक हज़ार रुपये की मदद की। कहा भाई करुनाकर तुम जल्दी से अच्छे हो जावोगे। हरिशंकर जी अमर उजाला में इस समय नॉएडा में कार्यरत हैं। करुनाकर को भड़ास पर पढ़कर इतना प्रभावित हुए हैं की उसकी हर तरह से मदद करना चाहते हैं।
रक्त और पानी में बड़ा अंतर है पत्थर और नगीने में बड़ा अंतर है
साँस लेते हो जी लेते हो मगरसाँस लेने और जीने में बड़ा अंतर है
हरिशंकर के घर में उनकी बहन की आठ जुलाई को शादी है। पर वे कहते हैं की जब से भड़ास पर करुनाकर की स्टोरी पढी है तब से अपने घर का काम भूल गए हैं। तथा करुनाकर की सारी जानकारी हासिल करना चाहते हैं। वो जल्द ही भडास के मेंबर बनेंगे।
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