अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
भाई,आपकी बात में अपनी तुकबंदी पेल रहा हूं...गरमी बहुत है... लाइट नहीं है...लोग हाथ से पंखा झलने लगे हैं :)
भाई,आपकी बात में अपनी तुकबंदी पेल रहा हूं...
ReplyDeleteगरमी बहुत है... लाइट नहीं है...
लोग हाथ से पंखा झलने लगे हैं :)