अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
24.7.08
ओलम्पिक का सफर
ओलम्पिक का सफरनामा-4 आपके लिए लाया है ओलम्पिक की यादें. हाँ यदि इन यादों, जानकारियों का पता हमारे सम्मानित भडासी भाइयों को हो तो हमें उनका बहुमूल्य समय नष्ट करने के लिए क्षमा करियेगा.
भाई,देश की संसद में जो ओलम्पिक हुआ वह कितना आनंददायक रहा.... भड़ासियों के गले में बहुत कुछ अटका है वो खेलकूद जरा कम ही निगल पाते हैं अगर आप चाहते हैं तो डंडा डाल कर ठेलना होगा.....
भाई,देश की संसद में जो ओलम्पिक हुआ वह कितना आनंददायक रहा.... भड़ासियों के गले में बहुत कुछ अटका है वो खेलकूद जरा कम ही निगल पाते हैं अगर आप चाहते हैं तो डंडा डाल कर ठेलना होगा.....
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