एक अत्यंत खुशी की बात है जो मैं अकेले नहीं पचा पा रहा हूं तो आप सब को भी थोड़ी-थोड़ी सी खाने चबाने को दे रहा हूं। देश आजाद हुआ तब मात्र एक दो राजनैतिक पार्टियां थी जिससे कि हमारे दादाजी-दादीजी का मनोरंजन का सर्वथा अभाव था। जैसे जैसे समय बीतता गया पिताजी के समय मनोरंजन के साधन बढ़ गये बहुत सारी पार्टियां बन गयीं और अब हमारे समय में तो नेता लोग जनता के भरपूर मनोरंजन के लिये अपने सर्कसों का गठबंधन करके साझा मनोरंजन करती हैं। हमारे देश की जनता बहुत मनोरंजन की ही भूखी है खाना-कपड़ा हो न हो पर क्रिकेट वगैरह होते रहना चाहिये जिसका हमारी सरकार बराबर ध्यान रखती है,मीडिया भी अब इसमें साझेदारी करने लगा है इस लिये न्यूज चैनल भी अब मनोरंजन के कार्यक्रम बिना नागा दिखाते हैं। खुशखबरी है कि एक नया सर्कस बनाया गया है जनता के मनोरंजन के लिये जिसके पुरोधा हैं -शिव खेड़ा,अरे ये वो ही है भाई जो शिक्षाविद हैं और कहते हैं कि आप अपने बच्चों का गार्जियन जिन लोगों को नहीं बनाना चाहेंगे उन्हें देश का गार्जियन कैसे बना देते हैं आदि .. आदि .. इत्यादि..। इन्होंने अपनी पार्टी का जो नाम रखा है उससे तो लगता है कि उसमें लोकतंत्र के सारे मसाले हैं -भारतीय राष्ट्र्वादी समानता पार्टी... लेकिन चुनावी घोषणा पत्र जो जारी करा है उसमें तमाम बातें ऐसी हैं जो हम सीधे सादे भोले भारतीयों को पसंद नहीं आती हैं जैसे कि आर्थिक आधार पर आरक्षण, राजनैतिक पदों के लिये शैक्षिक योग्यता , जाति और धर्म की बात पर राजनीति नही करी जाएगी.....। अरे कोई तो इसे समझाओ यार कि ये भारत(माफ़ करना इंडिया) में रह रहा है ... यहां के लोग अपनी बातें मनवाने के लिये कानून-वानून जैसी चीज पर यकीन नहीं करते सीधे सड़क पर आकर बाजार बंद,चक्का जाम और बसों को आग लगाना शुरू कर देते हैं उन्हें ये सब बातें पसंद नहीं आयेंगी, इनके प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो जाएंगी। इन लोगों ने न तो कोई आंदोलन ऐसा करा है कि लोग इन्हें जानें न ही किसी घोटाले में नाम आया है तो ये किस आधार पर खुद को जनता का नेता बनाने का योग्य मान रहे हैं? मेरी विनती है वोट देने वाली जनता से कि इन स्वप्नजीवी लोगों को जल्द ही हकीकत का मुंह दिखा कर नींद से जगाए। इस देश में सिर्फ़ लालू, मुलायम, ठाकरे, करात, मायावती जैसे ही लोगों का राज्य चलेगा। खुशी इस बात की है कि जनता इनकी हार में भी मनोरंजन तलाश लेगी।
जय जय भड़ास
इस राजनैतिक सर्कस का ट्वेंटी-२० संस्करण कब लॉन्च होगा?
ReplyDeleteDoctor Saahab,
ReplyDeleteRajneeti ka bukhar to bade bade ustaadon ko lagta raha hai or bade bade maahir log yahan aa kar jokar bante rahe hain, so hamare khera saahab kyoun peeche rahen.
waisai gyan dene wala raajniti men aaye to maja hi aayega na kyounki ustaadon se ladai jo hogee. chaliye aapke prashannta men hum bhi sang hain.
Jay Jay Bhadas