18.7.08

भोजन न मिले तो कोई न आए







कुछ दिन पहले सतना कलेक्टर विजय आनंद कुरील, सतना जिले के पर्समनिया पठार गए । पठार के ऊपर लगभग ८५ गांव है। यह मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी और विकास प्राधिकरण और तकनिकी शिक्षा मंत्री नागेन्द्र सिंह के क्षेत्र में है। इधर से लगातार वीमार मरीज सतना आ रहे थे। महामारी की असंका जताई जा रही थी । सरकारी आदमी को तो सब सही दिखता है, कलेक्टर को भी दिखा। दो दिन बाद मेरे मन में आया क्यो न पर्समनिया चला जाए । यही सोच कल में अपनी बाइक से निकल पड़ा..........
सबसे पहले सतना से रोड से उचेहरा गया , १८ किलोमीटर का ये रास्ता तो
ठीक रहा .फिर शुरू हुआ वाकई दंग कर देने वाला रास्ता.... रास्ता बड़ी - बड़ी गिट्टी डाल कर बनाया गया था। लगभग १२ किलोमीटर चला ही था कि शिक्षा की गारंटी देने वाला स्कूल मिला ... जंहा लगभग २० बच्चे खेल रहे थे, १० बज रहा था , लेकिन कोई मास्टर
वंहा नही था। बच्चो से जब हमने पूछा तो ...सभी एक साथ बोल पड़े मास्टर जी १ बजे आते है। और खाना देकर चले जाता है। पास ही खड़े ग्रामीण ramadin से बात कि तो उसका kahana था कि dopahar का भोजन न मिले तो कोई भी गावं वाला अपने बच्चे को नही भेजता ।
जब हम पठार पर पहुंचे तो दंग ही रह गए ...प्राथमिक हॉस्पिटल था, जंहा पर कुल ३ कर्मचारी थे। कहने को तो दो डॉक्टर होने चाहिए । रिकॉर्ड देखा तो २ दिन पहले के सिंग्नेचेर थे । हॉस्पिटल में एक डिलेवरी रूम बना था, हालत ये थे कि रूम पुरी तरह खली था वंहा एक स्टूल तक नही पड़ा था। दोनों फोटो वही कि है।


2 comments:

  1. भारत भाई,बेकार ही पेट्रोल खर्च करा जो इतनी दूर जाकर ये सूचना मिली ये तो आपके घर के बगल में अगर सिविल लाइन्स के स्कूल में भी देखा होता तो शायद मिला होता(मीडिया की नजर से)जिसे भास्कर वाले कई दिन से पेले पड़े हैं अपने दुधमुंहे चैनल को खड़ा करने की जल्दी में(पंडित प्रशांत जी हड़बड़ाहट में स्कूल टाइम से पहले ही कैमरा लेकर भेज दिया करते थे अपने पंटरों को)......
    विचार का विषय ये है कि ऐसे हालात क्यों हैं क्यों बच्चे सिर्फ़ खाने के लालच में स्कूल जाते हैं?क्यों एक महिला अध्यापिका दस्युग्रस्त क्षेत्र में रिश्वत न मिलने पर स्थानांतरित कर दी जाती है?मीडिया की क्यों फटती है उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का खुलासा करने में?भाई ग्रामीण भारत अभी भी आजादी से पहले जैसी स्थिति में ही है.....
    जय जय भड़ास

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  2. Bhaai,
    Laalfeetashahi or sabhi jagah, kya naukarsah kya raajneta.
    Ummed karen chautha khambha jo in ke bech makadjaal men uljha hua hai apne kartavyon ka dayitva nibhaye or inke kaarnamon ka kacha chittha hi naa khole chadhi bhi khol de.
    Jay Jay Bhadas

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