20.8.08

जाने कहां गए वो दिन

रफी के नगमे सुन बीता मुशर्रफ का पहला दिन।
और करते भी क्या जनाब जाने कहां गए वो दिन।।
कहते हैं कि मैं परवाज नहीं जो देश छोड़ दूं।
तो फिर क्या सारे पंछी पड़ोसी मुल्क से खदेड़ दूं।।

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