कवि का ह्रदय सरल होता है,
भीतर मगर गरल होता है।
अंतस में हिम पर्वत के यारो,
पावन गंगा जल होता है।
साहस के तेवर के आगे,
हर मुश्किल का हल होता है।
स्याह अँधेरी रात के ढलते,
यार सुनहरा कल होता है।
तख्त-ताज को ख़ाक बनादे,
बहुत बुरा ये छल होता है।
दुनिया के जंगल में केवल,
माँ का ही संबल होता है।
मकबूल.
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