
आंतकवादी जब भी कोई वारदात करते थे तो सबसे पहले पाकिस्तान का नाम आता था...लेकिन अब दिल्ली में पकड़े गए सारे आंतकवादी भारतीय है....ये क्यूँ बने आंतकवादी?...ऐसी क्या बात थी की ये देशवासियों के खिलाफ ह गए?.इसका सीधा अ जवाब है की इन्हे ग़लत श जेहाद के नाम पर भड़काया गया...और झोंक दिया गया इस खेल में....लेकिन ऐसे युवाओं क चाहिए की जेहाद के नाम पर लड़ने वाले अन्य देशं का क्या हुआ...?अनेक मुस्लिम देश ये लड़ाई लड़ते लड़ते आज बर्बादी के कगार पर पहुँच चुके है........लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ...उन देशों के मुकाबले भारत में कितनी ही बेहतर इश्थिति में है मुसलमान..... फ़िर ये जेहाद किसके लिए और क्यूँ? - रजनीश परिहार........
"ghar" se or kahan se-
ReplyDeletegovind goyal sriganganagar
जात पात के नाम पर जहर हमने घोला, अब दोष जात विशेष को, वस्तुतः हम अपनी कमियों को छुपाने के लिए ही एसे हथकंडे अपनाते हैं, ईसाई पर हमले नजर नही आते मगर मुसलमानों को आतंकवाद बनने में सबसे आगे,
ReplyDeleteहमारे छद्मचरित्र ही हमारे देश का दुश्मन है न की आतंकवाद.
जय जय भड़ास