28.10.08

राहुल की मुठभेड़ या हत्या

सोमवार कि सुबह मुंबई के कुर्ला इलाके में बस नंबर 332 को अपहृत करने वाला पटना के 23 वर्षीय राहुल राज की मुंबई पुलिस ने एनकाउंटर किया या फिर निर्मम हत्या ? राज ठाकरे को मारने आया यह शक्स पुलिस की गोली से मारा गया था। लेकिन पुलिसिया एनकाउंटर एक बार फिर शक के घेरे में आ रही हैं। क्या सचमुच राहुल राज को नही बचाया जा सकता था ?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार राहुल चिल्ला चिल्ला कर कह रहा था कि वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। उसने बस से सभी यात्रियों को उतार भी दिया था। बस खड़ी होने के बाद वहां काफी भीड़ थी, अगर वह चाहता तो लोगों पर फायरिंग कर सकता था। मुंबई पुलिस का यह दावा कि राहुल पर गोलीबारी जवाबी कार्रवाई के तहत की गई, सच नही लग रही। चश्मदीदों के अनुसार उसने अपनी देसी पिस्तौल से एक बार भी पुलिस की ओर फायर नहीं किया था। अगर मुंबई पुलिस ने थोड़ी-सी समझदारी से काम ली होती, तो शायद राहुल बच सकता था। वह बार बार एक मोबाइल मांग रहा था जिसके मार्फत वह अपनी बात कहना चाहता था। उसने कुछ करेंसी नोट पर लिखकर पुलिस की ओर भी फेंकी थी।


अगर राहुल राज ठाकरे को मारने आया था, तो उसे राज ठाकरे के घर के आसपास होना चाहिए था। अगर वह राज ठाकरे के किसी सभा में पिस्टल या बम के साथ पकड़ा जाता तो भरोसा किया जा सकता था। लेकिन राहुल को बेस्ट की एक बस को यात्रियों से खाली करवाकर पिस्तौल लहराने कि क्या जरूरत पर गयी ? क्या वह अपनी बात को राज ठाकरे, मुम्बई की जनता और मीडिया तक पहुचाना चाह्ता था ?


राहुल के पिता ने कहा कि उनका बेटा अपराधी नहीं हैं। उनका आरोप है कि उनके बेटे की सरेआम हत्या की गई है। बिहार के तीन कट्टर विरोधी नेता, रेल मंत्री लालू यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोकजनशक्ति के नेता राम विलास पासवान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की कि मुंबई में राहुल की मुठभेड़ में हुई मौत की न्यायिक जांच कराई जाए। इस बीच गृह राज्य मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने कहा कि केंद्र ने राज्य से इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है।


राहुल ने अपराध किया था। और उसे सजा भी मिलनी चाहिए थी। लेकिन क्या उसका अपराध इतना संगीन था कि उसे सजा-ए-मौत दी जाए ?

by: सुमीत के झा (Sumit K Jha)
http://www.khabarnamaa.co.cc/

5 comments:

  1. शिखण्डी ने जयघोष किया... गोली का जवाब गोली से दिया जायेगा। ये सब एजाज लकड़ावाला के आदमी हैं... टीवी पर सुना नहीं... एक बिजनेसमैन को हड़काने के क्रम में कह रहा था कि स्सा... यूपी का भइया समझ रखा है। दरअसल, ये लोग हम लोगों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। हमको प्रगति करके इनका जवाब देना होगा। इसके लिए सही नेतृत्व का लगातार चुना जाना जरूरी है।

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  2. बाबा …. !
    तुम्हारे इस लोकतंत्री चिराग का जिन्न
    आज का नेता ….
    कर रहा है निरीह लोगों की हत्या
    और दुहाई संविधान के दायरे की ..

    भगत सिंह! शर्मिन्दा हूँ मैं …
    आज बहरे कानो पर फोड़ कर बम..
    देश के सोये भारती की अस्मिता
    नहीं जगा सकते थे तुम
    आज तो सारा देश ही 'आमची मुम्बई' है
    बस गोली खा सकते थे तुम
    निगल गए कितनों को धमाके आतंक के
    उनका घर अब कैसे चलेगा
    और बेरोजगार बच्चे भूल गया….
    तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    तेरे घर में आज दिया नहीं जलेगा
    http://trishakant.blogspot.com
    http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_748.html

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  3. .......
    शायद अब…
    स्वयंमुग्ध अपनी उपस्थिति पर जैसे आलू
    हो चुके हो तुम अमर अमरबेल,
    डाकुओं से भी कठोर ...नहीं नहीं मुलायम
    खेलते हो राजनीति का हर निषिद्ध खेल

    जात-पांत ऊँच-नीच भेदभाव और धर्म सबसे घनिष्ठता
    क्योंकि … हैं यही तुम्हारे अचूक हथियार
    बस हो चुका है पारावार ..!

    बाबा …. !
    तुम्हारे इस लोकतंत्री चिराग का जिन्न
    आज का नेता ….
    कर रहा है निरीह लोगों की हत्या
    और दुहाई संविधान के दायरे की ..
    .....

    भगत सिंह! शर्मिन्दा हूँ मैं …
    आज बहरे कानो पर फोड़ कर बम..
    देश के सोये भारती की अस्मिता
    नहीं जगा सकते थे तुम
    आज तो सारा देश ही 'आमची मुम्बई' है
    बस गोली खा सकते थे तुम
    निगल गए कितनों को धमाके आतंक के
    उनका घर अब कैसे चलेगा
    और बेरोजगार बच्चे भूल गया….
    तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    तेरे घर में आज दिया नहीं जलेगा
    - श्रीकान्त मिश्र 'कान्त'
    http://trishakant.blogspot.com/

    साहित्य शिल्पी...... पर
    http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_748.html

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  4. तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    .......

    जात-पांत ऊँच-नीच भेदभाव और धर्म सबसे घनिष्ठता
    क्योंकि … हैं यही तुम्हारे अचूक हथियार
    बस हो चुका है पारावार ..!

    बाबा …. !
    तुम्हारे इस लोकतंत्री चिराग का जिन्न
    आज का नेता ….
    कर रहा है निरीह लोगों की हत्या
    और दुहाई संविधान के दायरे की ..
    .....

    भगत सिंह! शर्मिन्दा हूँ मैं …
    आज बहरे कानो पर फोड़ कर बम..
    देश के सोये भारती की अस्मिता
    नहीं जगा सकते थे तुम
    आज तो सारा देश ही 'आमची मुम्बई' है
    बस गोली खा सकते थे तुम
    निगल गए कितनों को धमाके आतंक के
    उनका घर अब कैसे चलेगा
    और बेरोजगार बच्चे भूल गया….
    तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    तेरे घर में आज दिया नहीं जलेगा
    - श्रीकान्त मिश्र 'कान्त'
    http://trishakant.blogspot.com/

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    http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_748.html

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  5. तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    .......

    जात-पांत ऊँच-नीच भेदभाव और धर्म सबसे घनिष्ठता
    क्योंकि … हैं यही तुम्हारे अचूक हथियार
    बस हो चुका है पारावार ..!

    बाबा …. !
    तुम्हारे इस लोकतंत्री चिराग का जिन्न
    आज का नेता ….
    कर रहा है निरीह लोगों की हत्या
    और दुहाई संविधान के दायरे की ..
    .....

    भगत सिंह! शर्मिन्दा हूँ मैं …
    आज बहरे कानो पर फोड़ कर बम..
    देश के सोये भारती की अस्मिता
    नहीं जगा सकते थे तुम
    आज तो सारा देश ही 'आमची मुम्बई' है
    .......
    और बेरोजगार बच्चे भूल गया….
    तू राहुल है … राहुल बाबा नहीं है
    तेरे घर में आज दिया नहीं जलेगा
    - श्रीकान्त मिश्र 'कान्त'
    http://trishakant.blogspot.com/

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    http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_748.html

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