अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
6.10.08
दलालों के चंगुल में
----- चुटकी------ क्षमा करना प्रभु जी पूछ रहा हूँ स खेद , आपके यहाँ भी क्यों होता है छोटे बड़े का भेद। ---प्रभु का जवाब कान खोल कर सुन लो ऐ बालक नादान जी दलालों के चंगुल में है अब तो भगवान भी । ----गोविन्द गोयल
भाई,
ReplyDeleteजब तक भगवान् के नाम पर लोग दलाली करते रहेंगे, दलाल की पौ बारह रहेगी और भगवान् की भी.
जय जय भड़ास