परमहंस योगानंद ने कहा है-
आप भविष्य की चिंता क्यों नहीं करते? आप अनावश्यक चीजों को इतना महत्व क्यों देते हैं? अधिकांश लोग सुबह, दोपहर व रात के भोजन, काम- काज, सामािजक कार्य कलापों आदि में ही व्यस्त रहते हैं। अपने जीवन को अौर ज्यादा सरल बनाइए तथा अपना संपूर्ण ध्यान ईश्वर में केंिद्रत कीजिए। यह संसार ईश्वर के पास वापस पहुंचने की तैयारी करने का स्थान है। ईश्वर यह जानना चाहते हैं कि हम उन्हें उनके उपहारों से अधिक चाहते हैं या नहीं। यानी हम ईश्वर के उपहारों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं या उपहार देने वाले को यानी ईश्वर को। ईश्वर हमारे पिता हैं अौर हम सब उनकी संतान हैं। हमारे प्रेम पर उनका अधिकार है अौर उनके प्रेम पर हमारा अधिकार है। हमारे कष्ट इसलिए उत्पन्न होते हैं कि हम उनकी यानी ईश्वर की अवहेलना करते हैं। परंतु वे सदैव हमारा इंतजार कर रहे हैं।
vinay ji
ReplyDeleteacchi posting ke liye badhai
vijay dugar
antradrishti.blogspot.com
prashna yeh hai ki hum apne jeevan ko saral kaise banayein. kya aaj ka aam admi jo apne aaham mein duba hai, apni itihas ko bhul kar acche kal ke liye jhuk kar jindagi aur logon se kshama yachna kar sakta hai kya
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