27.11.08

अरे भाई राज...कहाँ हो.....!!??


अरे भाई राज कहाँ हो...........??
...........अरे भई राज कहाँ हो आज तुम...?देखो ना अक्खी मुंबई अवाक रह गई है कल के लोमहर्षक हादसों से.....चारों और खून-ही-खून बिखरा पड़ा है..और धमाकों की गूँज मुंबई-वासियों को जाने कब तक सोने नहीं देगी....और जा हजारों लोग आज मार दिए गए है...उनकी चीख की अनुगूंज एक पिशाच की भांति उनके परिवार-वालों के सम्मुख अट्टहास-सी करती रहेगी...हजारों बच्चे...माएं...औरते...बूढे...और अन्य लोग.....यकायक हुए इस हादसे को याद करके जाने कब तक सहमते रहेंगे....!! असहाय-बेबस-नवजात शिशुओं का करून क्रंदन भला किससे देखा जायेगा...!!शायद तुम तो देख पाओगे ओ राज....!!तुम तो पिछले दिनों ही इन सब चीजों के अभ्यस्त हुए हो ना !!....तुमने तो अभी-अभी ही परीक्षा देने जाते हुए छात्रों को दौडा-दौडा कर मारा है....!!किसी और के प्रांत के लोगों से नफरत के नाम पर कई लोगों की जाने तुमने पिछले ही दिनों ली है...और मरने-वालों के परिवारजनों के करून विलाप पर ऐसा ही कुछ अट्टहास तुमने भी किया होगा...जैसा कि अभी-अभी हुए इस मर्मान्तक बम-काण्ड के रचयिता इस वक्त कर रहे होंगे.....!!
...................मुझे नहीं पता ओ राज...कि उस वक्त तुम्हें और इस वक्त इन्हे किसी भी भाषा-प्रांत-मजहब.....या किसी भी और कारण से किन्हीं भी निर्दोष प्राणियों की जान लेकर क्या मिला....और मैं मुरख तो ये भी नहीं जानता कि बन्दूक कैसे चलाई जाती है....बस इतना ही जानता हूँ....कि बन्दूक किसी भी हालत में नहीं चलाई जानी चाहिए क्योंकि इससे किसी की जान जाती है....और जान लेना अब तक के किसी भी मजहब की रीति के अनुसार पाक या पवित्र नहीं माना गया है....बेशक कुछ तंग-दिल लोगों ने बीते समय में हजारों लोगों की जान धर्म का नाम लेकर ही की हैं....लेकिन मैं ये अच्छी तरह जानता हूँ कि यह धर्म के नाम पर पाखण्ड ही ज्यादा रहा है...दुनिया में पैदा हुए किसी भी विवेक-शील इंसान ने कभी भी इस बात का समर्थन नहीं किया है...बल्कि इन चीजों की चहुँ-ओर भर्त्सना ही हुई है....बेशक ऐसा करने वाले लोग अपने समय में बेहद ताकतवर रहे हैं...जैसे कि आज तुम हो...मगर ये भी तो सच है...कि इन तमाम ताकतवर लोगों को समय ने ही बुरी तरह धूल भी चटाई है...वो भी ऐसी कि इनका नामलेवा इनके वंशजों में भी कोई नहीं रहा.....!!
.................तो राज यह समय है...जो किसी की परवाह नहीं करता...और जो इसकी परवाह नहीं करते....उनके साथ ऐसा बर्ताव करता है...कि समय का उपहास करने वालों को अपनी ही पिछली जिंदगी पर बेतरह शर्म आने लगती है....मगर...तब तक तो......हा..हा..हा..हा..हा..(ये समय का ठहाका है!!) समय ही बीत चुका होता है....!!....तो राज समय बड़ा ही बेदर्द है....!!
................मगर ओ राज तुम यह सोच रहे होगे कि वर्तमान घटना तो किसी और का किया करम है....इसमें मैं तुम्हे भला क्यों घसीट रहा हूँ....ठहरो...तुम्हे ये भी बताता हूँ...बरसों से देखता आया हूँ कि कभी तुम्हारे चाचा....तुम्हारे भाई....और आज पिछले कुछ समय से तुम......आपची मुंबई......और आपना महाराष्ट्र के नाम पर लोगों को भड़काते-बरगलाते रहे हो.....और लोगों की कोमल भावनाओं का शोषण करते हुए तुमलोगों ने सत्ता की तमाम सीढिया नापी हैं....हालांकि इस देश में तमाम नेताओं ने पिछले साठ वर्षों में यही किया है....और हर जगह नफरत का बीज ही रोपा है...और इसी का परिणाम है....अपनी आंखों के सामने यह सब जो हम घटता हुआ देख रहे हैं.....!!और तुमसे ये कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना ही है....इस देश में सिर्फ़ तुम्हारा ही परिवार वह परिवार है...जो हर वक्त शेर की भांति दहाड़ता रहता है...बेशक सिर्फ़ अपनी ही "मांद" में...!!मगर इससे क्या हुआ शेर बेशक अपनी ही मांद में दहाड़े.....!!....है तो शेर ही ना...बिल्ली थोड़ा ही ना बन जायेगा.....??
...................तो तुम सबको हमेशा शेर की दहाड़ते हुए और अपने तमाम वाहियात कारनामों से देश की पत्र-पत्रिकाओं में छाते देखा है... !!....ऐसे वक्त में कहाँ गायब हो जाते हो...क्या किसी पिकनिक स्पॉट में...??मुंबई आज कोई पहली बार नहीं दहली....और ना देश का कोई भी इलाका अब इस दहशतगर्दी से बाकी ही रहा...आतंकियों ने इस सहनशील...सार्वभौम...धर्मनिरक्षेप देश में जब जो चाहे किया है...और कर के चले गए हैं...वरना किसी और देश में तो "नौ-ग्यारह" के बाद वाकई एक चिडिया भी पर नहीं मार सकी है...और एक अन्य देश में एक कार-बम-विस्फोट के बाद एक परिंदा भी दुबारा नहीं फटक पाया.....लेकिन ये भारत देश...जम्बू-द्वीप....जो तमाम राजनीतिक-शेरों.....सामाजिक बाहुबलियों का विशाल देश...जो अभी-अभी ही दुबारा विश्व का सिरमौर बनने जा रहा है....इसके आसमान में ऐसे-वैसे परिंदे तो क्या...इसके घर-घर के आँगन में जंगली कुत्ते-बिल्ली-सियार-लौम्री आदि धावा बोलकर...हग-मूत कर चले जाते हैं....और यहाँ के तमाम बड़े-बड़े सूरमाओं को...और बेशक तुम जैसे शेर का कोई अता-पता नहीं चलता.....!!यहाँ के जिम्मेवार मंत्री तो इस वक्त बेशक कई दर्जन ड्रेसें बदलते हुए पाये जा सकते हैं....!!
...............तो हे महाराष्ट्र के महाबलियों....हे आपची मुंबई के जिंदादिल शेरों.....तुम अभी तक कहाँ छिपे बैठे हो...अरे भई इस वक्त तो तुम्हारी मुंबई...तुम्हारे महाराष्ट्र को वाकई तुम्हारी....और सिर्फ़ तुम्हारी ही जरूरत है....ज़रा अपनी खोल से बाहर तो निकल कर तो आओ....अपनी मर्दानगी इन आतंकियों को तो दिखलाओ...!! क्यूँ इन बिचारे मिलेट्री के निर्दोष जवानों की जान जोखिम में डालते हो !!.....भाई कभी तो देश के असली "काम" आओ...!!तुम्हारे इस पाक-पवित्र कृत्य पर वाकई ये देश बड़ा कृतज्ञ रहेगा....तुम्हारे नाम का पाठ बांचा जायेगा....तुम्हारे बच्चे तुम पर वाकई फक्र करेंगे....तुम्हारी जान खाली नहीं जायेगी....देखते-न-देखते तुम्हारी प्रेरणा से देश के अनेकों रखवाले पैदा हो जायेंगे....और ये देश अपनी संतानों पर फिर से फक्र करना सीख जायेगा....इस देश के लोग महाराष्ट्र वालों की शान में कसीदे गदेंगे...!!.....ओ राज....ओ राज के भाई....ओ राज के चाचा....ओ और कोई भी जो राज का पिछलग्गू या उनका जो कोई भी है....आओ महाराष्ट्र और मुंबई की खातिर आज मर मिटो....आज सबको दिखला ही दो कि तुम सब वाकई शेर ही हो....कोई ऐरे-गैरे-नत्थू-खैरे नहीं....आज सब तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं....कहाँ हो ओ शेरों...ज़रा अपनी मांद से बाहर तो निकलो......!!??

3 comments:

  1. yes. Daer Raj We are calling you, Please come out........ speak Out. Chaahe Marathi main He sahi .

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  2. We are calling Amar Singh also to take the interview of those who are taking innocent lives in Mumbai to make sure that they are terrorists in reality. Otherwise he (Amar Singh) will provide legal help to these disgusting people too.
    We are ashamed of having such politicians

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  3. दुखद है,
    राजनेता तो राजनेता.
    अब पत्रकार, बुध्हिजीवी भी नेता का राग अलापने लगे हैं.
    भाईचारे की बात करें तो बेहतर.
    वैसे झारखण्ड में भी हत्यारे गुरु जी ही सत्तासीन हैं.
    जय जय भड़ास

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