6.11.08

घूसखोर इंस्पेक्टर ने अखबार विक्रेता को जूता सुंघाया

गोरखपुर। पुलिसिया ज्यादती की इंतहा गोरखपुर जनपद में एक बार फिर हुई। मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के गुलरिहा थानाक्षेत्र में आरपीएफ इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने एक अखबार के हाकर को जूता सुंघाया। बताते हैं कि इंस्पेक्टर ने योजनाबद्ध ढंग से, पीपीगंज में सरिता न्यूज एजेंसी पर बैठे हाकर नर्वदेश्वर त्रिपाठी को अपने दो अय्यार सिपाहियों के माध्यम से पहले बुलवाया और फिर उन्हें फर्जी मामले में चालान करवा दिया। मामले की जड़ आरपीएफ इंस्पेक्टर द्वारा हफ्ता वसूली है। हाकर श्री त्रिपाठी द्वारा इनकार करने पर उनके साथ यह ज्यादती की गई। इंस्पेक्टर कई दिनों से उक्त हाकर से फ्री में कई प्रति अखबार मांग रहा था न देने पर उसने कहा कि स्टेशन पर अखबार बेंचते हो तो पैसा तो देना ही पड़ेगा। बताते हैं पैसा या अखबार देने से श्री त्रिपाठी ने मना कर दिया। यह बात इंस्पेक्टर को काफी नागवार गुजरी और उसने पीपीगंज की नकहा पोस्ट पर करीब दो दिन पूर्व पूर्वोत्तर रेलवे की डीआरएम के दौरे को हथियार बनाया। उन्होंने अपने दोनों अय्यार सिपाहियों पप्पू प्रसाद और कमलाकांत मिश्र को उक्त हाकर को बुलाने के लिए भेजा कि चलो मैडम को अखबार देना है और धोखे से उसी बोगी में चढ़ा दिया जिसमें डीआरएम बैठी हुई थीं। पीपीगंज में सरिता न्यूज एजेंसी पर बैठे हाकर नर्वदेश्वर त्रिपाठी को इस तरह हवालात की हवा खिला दी गई। पहले उन्हें पीपीगंज में कई घण्टे रखकर प्रताड़ित किया जाता रहा और फिर बाद में आनन्दनगर ले जाकर जीआरपी थाने में प्रताड़ित किया गया। गौर हो कि श्री त्रिपाठी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और पुलिसिया प्रताड़ना को वह सह नहीं सके। उन्हें लॉकप में ही दौरा पड़ गया और वह बेहोश होकर गिर गए। इंस्पेक्टर के दरिन्दगी की हद देखिए, उसने उन्हें उचित इलाज मुहैया कराने के बजाय जूता सूंघाने लगा। मानवता शर्मसार हुई, वर्दी दागदार हुई। खैर मीडिया में मामला के तूल पकड़ने पर आरपीएफ ने अपने स्तर से जांच कराने का फैसला लिया। आरपीएफ की सीआईबी के एक उच्चाधिकारी मामले की जांच के लिए पहुंचे लेकिन उन्होंने टोपी-टोपी एक है का नारा दिया और हाकर श्री त्रिपाठी को धमकाया कि जल में रहकर मगर से बैर करना ठीक नहीं। अपनी शिकायत वापस ले लो। बताते चलें कि उक्त आरपीएफ इंस्पेक्टर भूजाछोर किस्म का है और इससे पहले भी एक अन्य बड़े अखबार के हाकर को इसी तरह चालान करवा चुका है। पप्पू प्रसाद नामक सिपाही उसके लिए वसूली करता है और गरीब-गुरबा को प्रताड़ित करता है।

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