ई कौन समय ह?
विनय बिहारी सिंह
रोम जर ता।
नीरो बंसी बजाव ता।।
आम आदिमी डेरा ता।
सेना- पुलिस भकुआ ता।।
एगो धरा गइल आतंकवादी।।
अउरी मरा गइले सन।।
लोग थू- थू कर ता।
ऊ कुल ढुकलन से कैसे??
बक- बक करे में तेज बाड़न स।
हमनी के नेता आ परेता।।
नइखे पीये के पानी तक साफ।
आजादी के ५० साल बाद भी।।
सुरक्षा त बड़ बाति बा।
ना देश के प्रति चिंता बा।
ना कौनो दूर दृष्टि।।
बस कइसे आ कहां लूटीं।
एही के चिंता बा।।
जब तक ले देश के दूहे के।
प्रवृत्ति हृदय से ना जाई।।
देश में शांति आ समृद्धि।
ना आई, ना आई।।
No comments:
Post a Comment