साले पाकिस्तानी नेता तो ६० सालो से पगलाए हुए थे लेकिन मीडिया भी निहायत ही टूची है इसका अंदाजा नहीं था . हरामजादे हिंदुस्तान की विघटनकारी ताकतों की बात तो कर रहे हैं लेकिन इन कुत्तो को उनके पाकिस्तान के कबालिये इलाकों और बलूचिस्तान की खबर नहीं है. हराम के पिल्लो की औकात कैसे हो गयी जो हिन्दुस्तानी लोकतंत्र को भी नाकारा कह रहे हैं , जब की उनके यहाँ अवाम को आज तक कितने दफे सैन्य तानाशाही का सामना करना पड़ा. ऊपर से इन चूतिया, कमीनो, और भी माँ बहन की कई गलियां भी जिन लोगो के लिए कम पड़ती है वे कहते हैं की मुंबई में तहलका हमने खुद मचाया है. सालो इतनी वेबकूफी भरी बात बस पाकिस्तानी गधे ही कर सकते हैं . हम हिन्दुस्तानी लोगो में बस इक ही कमी है हम इनसे दोस्ती का हाथ बढाते हैं इन हरामी पाकिस्तानियों की माँ बहन नहीं करते....
पकिस्तान के दिन अब पूरे हो चुके है वो हमारे सब्र की हद तो तोड़ चुका है , अब तक हमने गाँधी जी के सिद्धांतों को पूर्ण रूप से निभाया चुकि करने वाले से बड़ा जुर्म सहने वाला होता है इसलिए हम किसी भी हाल मे गुनहगार बनना नहीं चाहते सो पकिस्तान अब अपना बोरिया बिस्तर समेट लो और हमारे देश के फर्जी नेताओं से अनुरोध है की अपना फर्जिपना बताकर इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश न करे .अन्यथा अच्छा नहीं होगा !!!
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ReplyDeleteसाले पाकिस्तानी नेता तो ६० सालो से पगलाए हुए थे लेकिन मीडिया भी निहायत ही टूची है इसका अंदाजा नहीं था . हरामजादे हिंदुस्तान की विघटनकारी ताकतों की बात तो कर रहे हैं लेकिन इन कुत्तो को उनके पाकिस्तान के कबालिये इलाकों और बलूचिस्तान की खबर नहीं है. हराम के पिल्लो की औकात कैसे हो गयी जो हिन्दुस्तानी लोकतंत्र को भी नाकारा कह रहे हैं , जब की उनके यहाँ अवाम को आज तक कितने दफे सैन्य तानाशाही का सामना करना पड़ा. ऊपर से इन चूतिया, कमीनो, और भी माँ बहन की कई गलियां भी जिन लोगो के लिए कम पड़ती है वे कहते हैं की मुंबई में तहलका हमने खुद मचाया है. सालो इतनी वेबकूफी भरी बात बस पाकिस्तानी गधे ही कर सकते हैं .
ReplyDeleteहम हिन्दुस्तानी लोगो में बस इक ही कमी है हम इनसे दोस्ती का हाथ बढाते हैं इन हरामी पाकिस्तानियों की माँ बहन नहीं करते....
कुत्ते कमीने जिसकी जान है बस वही पाकिस्तान है
ReplyDeleteरंडीबाजी और वेश्यालय पर टिका जिसका इमान है बस वही पाकिस्तान है...
पकिस्तान के दिन अब पूरे हो चुके है वो हमारे सब्र की हद तो तोड़ चुका है , अब तक हमने गाँधी जी के सिद्धांतों को पूर्ण रूप से निभाया चुकि करने वाले से बड़ा जुर्म सहने वाला होता है इसलिए हम किसी भी हाल मे गुनहगार बनना नहीं चाहते सो पकिस्तान अब अपना बोरिया बिस्तर समेट लो और हमारे देश के फर्जी नेताओं से अनुरोध है की अपना फर्जिपना बताकर इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश न करे .अन्यथा अच्छा नहीं होगा !!!
ReplyDeletebhai akhilesh aapne pakistan ki media ke baare me jo kaha wo sarwatra gyat hai. saalon ko kuch bhi kahna kichd pe dhela fakena hai.
ReplyDeleteमारो पकड के माँ के लवणों को तभी समझ में आयेगी वहन चोदों को
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