18.1.09

गन्दगी हटते ही महकने लगा भड़ास

एक मछली सारे तलब को गंगा कर देती है। कई बार लोगों को पहचानने में गलती हो जाती है। उसी का दंश इस अच्छे मकसद वाले भड़ास ब्लॉग को भी देखना पड़ा। पर जैसे ही यशवंत दादा ने एक्शन लिया सारी गन्दगी का सफाया मच्छरों की तरह हो गया। हर कोई अच्छा अच्छा लिखकर अपना भड़ास निकल रहा है। हर लेखक अपनी हर उस बात को हम तक पहुँचा रहा है जिसमे ढेर सारी अच्छी चीज़ें छुपी हैं पर उन्हें व्यक्त करने के लिए गाली की ज़रूरत लेखक महसूस नही करता और अच्छे शब्दों में अपनी भड़ास निकाल रहा है। पर जिस तरह से यहाँ पर कुछ अराज़क तत्व आ गए थे उनकी मानसिकता को सोचकर अब भी उन पर हंसी आती है। मुझे उनकी बात सोचकर एक पुरानी कथा याद आ गयी जिसमे एक बार गुरु नानक जी एक गांव में गए। जहाँ पर गांव वालों ने उनसे पानी तक नही पुछा और बाबा पूरी रात बिना खाना खाए पिए ही सो गए। जब सुबह हुयी तो बाबा चलने के लिए तैयार हुए तो सभी गांव वाले उनका मज़ाक उड़ने के लिए बाबा के पास आ गए। बाबा ने उन सभी गांव वालों को आशीर्वाद दिया की तुम सब इसी गांव में रहो कभी यहाँ से जुदा मत होना। ये कहकर बाबा गुरुनानक देव जी दूसरे गांव में चले गए। उस गांव में उनका खूब सदर सत्कार हुआ। बाबा की सेवा में पूरे दिन गांव वाले लगे रहे और रात होने पर बाबा के सत्संग का प्रबंध भी किया। सुबाद होते ही जब बाबा चलने को तैयार हुए तो सभी गांव वाले दुखी मन से उनके पास आकर खड़े हो गए। बाबा ने गांव वालों को आशीर्वाद दिया तुम सब पूरी दुनिया में बिखर जावो। कोई भी इस गांव में ना रहे। इस बात को सुनकर नानक जी का एक चेला भड़क गया और बोला बाब आप ने उन गांव वालों को तो उसी गांव में रहने का आशीर्वाद दे दिया जिन्होंने आपको पानी तक नही पुछा और इन गांव वालों को आपकी सेवा में दिन रात जुटे रहे उन्हें यहाँ से बिखर जाने का आशीष दे दिया ये बात मुझे बिल्कुल अच्छी नही लगी। इस बार नानक जी ने कहा बेटा अगर ख़राब मानसिकता के गांव वाले वहां से बहार जायेंगे तो सिर्फ़ बुराइयाँ ही बहार बाँटेंगे। जबकि इस गांव के अच्छे लोग बहार जायेंगे तो हर तरफ़ राम राज्य आ जायेगा। इसे सुनकर नानक देव जी का चेला उनके चरणों में गिर पड़ा।
ठीक इसी तरह से कुछ तुच्छ मानसिकता के लोगों का निष्कासन भड़ास से किया गया है तबसे यहाँ पर रामराज्य की धारा सी बह चली है। मुझे भरोसा है की वो लोग जहाँ भी होंगे गंदगी में जी रहे होंगे और गन्दगी फैला राखी होगी। मैं भगवन से प्रार्थना करूंगा की उन्हें सद्बुधी प्रदान करें।

2 comments:

  1. जिस बात की प्रार्थना आप भगवान से करेंगे और उस पर भी तय नहीं है कि अर्जी सुनी जाएगी कि नहीं, उसकी गुहार यशवंत दा से लगाइए,देखिए कैसे फटाक से काम होता है और आपके भड़ास में सिर्फ राम राज्य की गंगा की नहीं, चंदन वम न भी उगने लग जाएंगे, परिजात भी लगने लगेंगे। आस्था को थोड़ा यूटर्न दीजिए बस

    ReplyDelete