22.2.09
चाहत ....
तुम्हे पहले आना था । अब काफी देर हो चुकी । जिंदगी उदास हो गई है । आसमान में बादल आ चुके है । वैसे मैंने काफी इन्तजार किया । मुझे यकीं था तुम आओगी पर इतनी देर कर दी ... अब रात हो गई ।किस्मत सो गई .... आखे थक गई । अब जाओ ..... मै भी जा चुका । अब मुझे तन्हा रहने दो । मुझे मजाक बनने दो .... तुमसे कोई शिकायत नही । गलती मेरी है । इतना चाहा । सारा जीवन दे दिया । अब मेरी शाम आ गई है तो तुम भी ...पागल था । तेरी मुस्कुराहटों का । जागता था रातभर तुमको यादकर ..... तुमने अपनी अदाओं से जादू कर दिया ।मै खिचता चला गया । तू मेरी मंजील थी । अब मै क्या राहें भी थक गई पर तेरा दर्शन नही हुआ । अब मै जा रहा हूँ ...... सबको छोड़कर ।अब तो कुछ बचा ही नही । अब तो ख़ुद से बातें करता हूँ । अपना हमसफ़र हो गया हूँ । हाँ तेरी याद जरुर है। कैसे छोड़ सकता हूँ .... वह तो धडकनों शामिल है । भला अपनी रूह को छोड़ सकता हूँ । कभी नही । तेरे बाद .... ये यादें ही तो जिंदगी है । मेरे पास तो अब यही है । जींदगी भर की कमाई ।एक समय था । मै एक राही था । सुनसान राहों में अकेले भटकता रहा । तब तेरी याद आती थी । काश तुम हमसफ़र होती । अब तो पावों में जंजीरें है । मुझे बांधकर ले जाया जा रहा है । वह तेरी जरुरत नही । मै खुदगर्ज नही । अकेले जाना है । जी जी कर मरना है ......
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