14.3.09

श्रद्धा


आरती "आस्था"

जब वह कहता है

उसने ईश्वर से जो माँगा

उसे सब मिला

लोग कहते हैं कितना खुशनसीब है वह

पर हकीकत उन्हें नहीं मालूम

उसने उससे कभी कुछ

माँगा ही कब है

जो दे दिया उसने स्वेच्छा से

उसने माना वही सब है l

2 comments:

  1. bahut interesting..... feelings

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  2. मायने इस बात के नही कि उसने मांगा क्या और उसे क्या मिला सोचने वाली तो बात ये है कि जो दूसरों के लिए कोई बात ही नही थी वही बात आपके लिए बहुत कुछ थी क्योंकि अगर आपके लिए ये बात मायने नही रखती तो आपकी लेखनी लिखती ही नही ...उसने नही मांगा ये तो उसके लिए था लेकिन आपके लिए बात थी कि जो मिला उसी को उसने सब कुछ मान लिया ....शायद वही सबसे खुशनसीब है जिसने कुछ चाहा ही नही क्योंकि जब चाहा नही तो पाने की आस ही नही और जब आस नही तो प्यास कहां .....लेकिन हकीकत ये भी है कि लोगों के देखने में समंदर भी पानी से भरा होता है कि लेकिन कभी कभी वो प्यासा भी होता है क्योंकि देखने में और होने में.
    कभी कभी बहुत फर्क होता है .....तारीफ के काबिल है आप .....इसलिए की लोगों के लिए आम बात थी वही आपके लिए बहुत कुछ थी ...

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