23.3.09

हैं पक्के मेरे यार, मौलवी पंडित थानेदार, कि पैसा बोलता है...साबरी ब्रदर्स को सुनिए

साबरी ब्रदर्स को आपने सुना है या नहीं? नहीं सुना है तो इसे सुनिए, ....पैसा बोलता है.....अल्लाह....मजा आ जाएगा....



इस कव्वाली की कुछ लाइनें इस तरह हैं....


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संसार में बाजे ढोल, ये दुनिया मेरी तरह है गोल,
कि पैसा बोलता है....

हर शख्स है मेरे चक्कर में,
है मेरी जुरुरत घर घर में,
जिसे चाहूं वो खुशहाल बने,
जिसे ठुकरा दूं कंगाल बने,

ये शीशमहल ये शान, मेरे दम से पाए धनवान,
कि पैसा बोलता है

कहीं हत्या हूं कहीं रिश्वत हूं,
कहीं गुंडा टैक्स की सूरत हूं,
कहीं मस्जिद का मैं चंदा हूं,
कहीं ज्ञान का गोरखधंधा हूं,

हैं पक्के मेरे यार, मौलवी पंडित थानेदार,
कि पैसा बोलता है..

जब लीडर मैं बन जाता हूं,
चक्कर में कौम को लाता हूं,
फिर ऐसा जाल बिछाता हूं,
फिर मन की मुरादें पाता हूं,

मैं जिसपे लगा दूं नोट, न जाए बाहर उसका वोट
कि पैसा बोलता है....

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