येशुदास मेरे पसंदीदा गायकों में हैं। कितनी साफ-सुथरी, सुंदर और दिल के गहरे उतरने वाली आवाज। एक गाना बहुत दिनों बाद सुनने को मिला...सुनयना...इन नजारों को तुम देखो, और मैं तुम्हें देखते हुए देखूं....मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूं....आ....। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दिनों में रात में विविध भारती से आने वाले छायागीतों की दीवानगी किस कदर हुआ करती थी, ये कोई हास्टलर बता सकता है। उस समय येशुदास के इस गाने को सुनते हुए मैं कहीं खो जाता था..... कितना प्रेम और समर्पण है इस गाने में। इस गाने को इस तरह सिर्फ येशुदा ही गा सकते हैं। इस गाने की कुछ लाइनें मुझे याद हैं जो इस प्रकार है...
लो दिन ढला रात होने लगी, तारों की दुनिया में खो जाओ तुम
मैं जागकर तुमको देखा करूं, सो जाओ तुम थोड़ा सो जाओ तुम
सुनयना...सुनयना....आज मेरे सपनों को तुम देखो.....
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूं, बस मैं तुम्हें देखते हुए देखूं
मैं बहुत दिनों से सोच रहा था कि भड़ास पर इतना कुछ गद्य लिखा जाता है लेकिन संगीत बिलकुल ही गायब रहता है। क्यों न गाहे-बगाहे संगीत भी इस पर डाला जाए। दिक्कत ये थी कि मैं संगीत ब्लाग पर अपलोड करने के बारे में बहुत जानता नहीं था। आज सोचा, चलो कुछ संगीतमय काम किया जाए तो पहले तो संगीत को ब्लाग पर डालना सीखा और टेस्ट पोस्ट में येशुदास के इसी गाने को डाल रहा हूं। आप क्लिक करिए और सुनिए। मजा आए तो बताइएगा कि क्या संगीत के दौर को भड़ास पर शुरू किया जाए। मेरे गानों के खजाने में एक से एक कव्वालियां, फिल्मी गीत और गजलें हैं।
आभार
यशवंत
bhayi wah, maza aa gaya. music sunate rahiye. sukun mila sunke. keep it up.
ReplyDeleteRishi Kumar
YASHWANT JI YESHUDAS MERE BHI PASANDIDA GAYAK HAI... UNKE DHERO GANE MUJEH PASAND HAI. APNE COLLEGE KE DINO ME HUMNE BHI UNEH KHUB SUNA. AAP SE MIL KAR BHI MUJEH AANAND AYAA. AAPKE BLOG KI TARAH AAP BHI BINDAS HAI....
ReplyDeleteवाकई में शानदार गीत है..याद दिलाने और सुनाने के लिए धन्यवाद...
ReplyDeleteसंगीत के दीवानों में हम भी हैं. यशुदास मेरे प्रिय गायकों में से एक हैं.भडास पर संगीत की महफिल ज़रूर जमनी चाहिए.
ReplyDeleteप्रबल प्रताप सिंह्
bhai wah!!! maza aa gaya...
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