जी आप नाचा तो अच्छा पर आँगन थोड़ा टेढ़ा था। देशहित यदि देख रहे होते ये लोग तो यह दलदल ही क्यो बनते। काँग्रेस बीजेपी प्रयोग पर टिप्पणी. यदि देश हित की चिन्ता होती तो सन 1947 में महात्मा गाँधीजी ने कहा था कि अब काग्रेस का काम पूरा हो गया है अतः इसको खत्म कर देना चाहिये पर गाँधीजी रास्ते पर चलने का दावा करने वाले इन नेताओ में से किसने माना। होने को तो एक प्रयोग यह भी हो सकता है कि यदि समर्थन से बनी सरकार बीच में गिरती है तो अगले चुनाव का खर्चा सरकार में शामिल सभी दलो के उठाना चाहिए। पर सवाल यह है कि बिल्ली गले या यूँ कहिये अपने गले में घन्टी कौन बाँधे.
baat to aapne sahi kahi , par billi ke gale me ghanti kaun bandhe......
ReplyDeleteMadhavi Shree