आज मंदी का नाम लेकर इस देश के लगभग 12 लाख लोग अपनी नौकरिया गवां चुके है । बड़ी संख्या में लोगो के वेतन में कटौती की जा रही है और हमारे गृहमंत्री उद्योगपतियों से सिफारिश कर रहे है की वेतन भले घटा दे परन्तु नौकरियों से न निकाले मंदी के नाम पर अब काम के घंटे 12 हो गए है और वेतन भी काट लिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के अफसर और मजदूर सन 1886 के काम के घंटे के बराबर काम कर रहे है लगभग सवा सौ साल बाद । परन्तु इस सरकार को मजदूरों की दशा पर सोचने के लिए कोई मौका नही है।
फर्जी और झूठे आंकडे पेश किए जाते है की मुद्रा स्फ़ीति शून्य हो गई है। यह झूठ तब उजागर होता है , जब आम आदमी बाजार जाता है और वहां पर किसी भी चीज की कीमत घटी हुई नही पता है। परन्तु मीडिया से, अखबारों से इस झूठ का इतना प्रचार किया जा रहा है कि यह सच लगने लगे । यह गोवेल्स जो हिटलर का प्रचार मंत्री था की तकनीक है, की झूठ का निरंतर प्रचार किया जाए।
पूंजीपतियों की सेवा में बैकों की ब्याज दर घटाई जा रही है और L.I.C के शेयर बेचने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव पेश है यह बिक्री एक अमेरिकन दिवालिया कंपनी के नाम पर है । सत्यम जैसी कंपनिया आम जनता को हजारो करोड़ रुपयों का चूना लगा चुकी है। अरबो रुपयों का स्टांप घोटाला तेलगी जैसे लोगो ने किया । बड़ी संख्या में हमारे राजनैतिक पार्टियों के बड़े-बड़े नेता,हवाला कांड और स्टिंग ऑपरेशन व घूसखोरी में पकड़े गए। सवाल पूछने के लिए हमारे माननीयों ने पैसा लिया, परन्तु यह सवाल सब पीछे है ।
-डॉक्टर राम गोपाल वर्मा
क्रमश :
लोकसंघर्ष पत्रिका के चुनाव विशेषांक में प्रकाशित
सत्य वचन कहा है आपने।
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सम्मोहन के यंत्र
5000 सालों में दुनिया का अंत