ग्वालियर में फ़िर एक पत्रकार संघ ने जन्म ले लिया है ,बीते रोज़ इसकी नींव रखी गई ,नामहै "जर्नलिस्ट .........?"कुल मिलाकार
करीब अब १२...नही शायद ..१३ ..१४ ...१५ अरे पता नही .........कितने ..?और पत्रकार संघ आयंगे और जायंगे !क्या ये संघ सिर्फ
समाचार पत्र में ख़बर के लिए है !या वास्तव में पत्रकारों की समस्यायों को हल करेंगे ,क्या इन संघो को मालूम है किकुछ समाचार
पत्रों में वेतन के लाले पड़े है ,कई पत्रकार भाइयों को ५-६ maah से वेतन नही मिला है !क्या ये संघ इन पत्रकारों की मदद कर
सकते है !यह सोचने की बात है ............?
सर जी अब क्यों मुंह खुलवा रहे हो। ग्वालियर के पत्रकारों के संरक्षक बने बैठे कथित बड़े पत्रकार या कहें की संपादकों के अखबारों में ही सबसे ज्यादा शोषण पत्रकारांे का हो रहा हैै। अखबार चल रहा है क्या यह बड़ी बात नहीं हैै। फिर चाहे वहां के रिपोर्टर जीवित रहने के लिए कुछ भी करते रहे, इससे वास्ता नहीं है। अस्तित्व को बचाए रखने और फालतू समय में संगठन बनाने के ढांेग नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। आखिर चार लोगों को भाषण देने और मीटिंग करने का मौका तो मिल ही जाएगा
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